जोशीमठ हादसा अपडेट 1: अब तक मिले 18 शव, लापता लोगों का आंकड़ा हुआ 202

जोशीमठ। जोशीमठ आपदा में मारे गए लोगों की संख्या अब 18 हो गई है। आपदा के बाद बचाव दलों ने अब तक 18 शवों को…


जोशीमठ। जोशीमठ आपदा में मारे गए लोगों की संख्या अब 18 हो गई है। आपदा के बाद बचाव दलों ने अब तक 18 शवों को खोज निकाला है। जबकि लापता हुए लोगों को आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां आंकड़ा अब 202 हो गया है। लापता लोगों में रैणी गांव के 2, करछो के 2, तपोवन ऋषित्व कंपनी के 121, रिंगी गांव के 2, ऋषि गंगा कंपनी के 46, ओम मेटल कंपनी के 21, एचसीसी के 3 और तपोवन गांव के 2 लोग लापता हैं। अलग अलग टनलों में अभी तक 25 से 35 लोग फंसे हुए हैं। 12 लोगों को बचाव दलों ने सुरक्षित निकाल लिया है।

इससे पहले…

जोशीमठ आपदा : 11 शव मिले, 35 लोग अभी भी सुरंगों के अंदर फंसे,दूसरे जिलों के अधिकारी भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए

देहरादून/जोशीमठ। रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से धौलगंगा व ऋषिगंगा में आई बाढ़ में बहे 11 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। आज सुबह एयर फोर्स के चिनकू हेलीकाप्टर ने प्रभावित क्षेत्रों के लिए उड़ान भरी है। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, पौड़ी के सांसद तीरथ सिंह रावत और बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज सुबह बताया कि गड़वाल कमिश्नर और डीआईजी को प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करने के लिए कहा गया है, ताकि प्रभावित लोगों को तुरंत राहत उपलब्ध कराई जा सके।

दूसरी ओर एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ की दो टीमें, आईटीबीपी के 425 जवान, एसएसबी की एक टीम,सेना के 124 जवान,सेना की दो मेडिकल टीमें व स्वास्थ्य विभाग की दो मेडिकल टीमें प्रभावित क्षेत्रों राहत कार्यों में जुटी हुई है। इसके अलावा आईटीबीपी के 400 जवान मातली महीडांडा और देहरादून में अपने अफसरों के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इसी प्रकार सेना के 220 जवान स्टेंड बाई पर रखे गए हैं। सेना के 3 चौपर जोशीमठ में स्टेंड बाई पर हैं। स्वास्थ्य विभाग की तीन टीमें और दो एंबुलैंस भी अगले निर्देश की प्रतीक्षा कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की दो एंबुलैंस, विभाग की ही 4 आपात सेवा 108, आर्मी की दो एंबुलैंस प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।

राज्य आपातकालीन सेवा से मिली जानकारी के अनुसार अब तक बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों से 11 शव बरामद हो गए हैं। 153 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से 32 रेणी गांव से है जबकि 121 तपोवन गांव से हैं। एनटीपीसी के 12 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। ऋषिगंगा परियोजना के 15 मजदूरों को भी सुरक्षित बचा लिया गया है। छह घायलों को भी सुरक्षित चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है। कल आई बाढ़ में पीडब्ल्यूडी के दो,ग्रामीण निर्माण विभाग का एक और बीआरओ और एनटीपीसी का एक—एक पुल बहे।

दूसरी ओर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि गढ़वाल कमिश्नर और डीआईजी को प्रभावित क्षेत्रों में ही कैंप करने के लिए निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रभावितों को राहत तुरंत दी जा सके। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि डीजीपी कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं। जिला प्रशासन की पूरी टीम कल से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिलों से भी अधिकारी मौके पर भेजे गये हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे उनका पंचनामा एवं पोस्टमार्टम जल्द हो सके।


जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, सेना, और एनडीआरएफ की टीमें कल से राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। 35 लोगों के एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कल से ही इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। मौके पर पर्याप्त मानव संसाधन है, एनडीआरएफ की अन्य टीमे भी तैयार हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।

उधर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने क्षेत्र में राहत कार्यों पर संतोष जताया।
गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत, जनपद प्रभारी मंत्री डा. धन सिह रावत, विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान गढवाल सांसद एवं प्रभारी मंत्री प्रभावित परिवारों के परिजनों से मिले और उनको ढाढस बधाते हुए हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि यहा पर जिला प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी मिलकर युद्ध स्तर पर रात दिन रेस्कयू मे जुटे है और जिन्दगियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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