उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है। नैनीताल जनपद में सर्वाधिक नुकसान की सूचना है। यहां भूस्खलन के कारण 9 मजदूरों समेत कुल 15 लोगों की मौत हो गई है। पूरे जनपद में आपदा के हालात हैं और सेना की मदद ली जा रही है। वहीं रापड़ में गत रात्रि 01 बजे से दबे वरिष्ठ पत्रकार आनंद नेगी को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया सुनका ग्रामसभा में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। ये सभी मोटर मार्ग के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। सभी मजदूर यूपी और बिहार के रहने वाले हैं। दोषापानी में भी भूस्खलन के कारण 3 ग्रामीणों की मौत हो गयी है। इसके अलावा मलबा आने से क्वारब में पुलिस निर्माण के कार्य में लगे 2 मजदूरों की मौत हो गयी है। यह मजदूर टिन शैड ढह जाने से जिंदा दफन हो गये। हल्द्वानी में गौला पुल का एक हिस्सा टूट गया है। इस वजह से यहां पर यातायात बंद है। राज्य के अन्य जिलों में भी बारिश से बेहद अधिक नुकसान की सूचना है। बारिश के चलते तमाम संपर्क मार्ग बंद हो चुके हैं। उत्तराखंड में आपदा भीषण रूप लेने लगी है। खैरना मार्ग में हर तरफ मलबा बिखरा दिखाई दे रहा है।
अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग में आपदा से जूझ रही निर्माण कंपनी स्वयं आपदा की चपेट में आ गई है। मलबा हटाने के काम में जुटी इस कंपनी की भारी मशीनें मलबे में दब चुकी हैं। कंपनी को पांच करोड़ से भी अधिक का नुकसान हुआ है। उधर कुमाऊं मंडल में भी आपदाओं का सिलसिला लगातार जारी है। भिकियासैंण तहसील के रापड़ में मलबे में दबे वरिष्ठ पत्रकार आनंद नेगी को अभी तक निकाला नहीं जा सका है। वह बीती रात 01 बजे से मलबे में दबे हैं। उनके एक पोता—पोती को मृत अवस्था में निकाल लिया गया है। बताया जा रहा है कि यहां दो मंजिला मकान ढह गया। नीचे वाली मंजिल में आनंद नेगी सोये थे। वह काफी नीचे दबे हैं और बारिश का क्रम भी रूक नहीं रहा। जिस कारण रेस्क्यू अभियान में दिक्कत आ रही है। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि उनके जीवित बचने की सम्भावना अब न के बराबर है। अल्मोड़ा में चितइ में भी एक मकान गिर जाने से एक महिला की मौत की सूचना आ रही है। वहीं अल्मोड़ा के हीराडूंगरी में एक 14 साल की बालिका की गत रात्रि मलबा आ जाने से मौत हो चुकी है। इधर बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए हवाई निरीक्षण के लिए रवाना हो गये हैं। वह सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से पल—पल का अपडेट भी ले रहे हैं।