— जिला बाल श्रम टास्क फोर्स ने चलाया था रेस्क्यू अभियान
— 500 से अधिक प्रतिष्ठान किए चेक, नियोजकों में हड़कंप
— बच्चों के बयान दर्ज, शैक्षणिक पुनर्वास की तैयारी
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून
राजधानी देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में जिला बाल श्रम टास्क फोर्स ने रेस्क्यू अभियान के तहत 500 से अधिक प्रतिष्ठानों का सघन सर्वेक्षण/निरीक्षण कर डाला। जिसमें 31 बाल श्रमिक चिह्नित किए गए। जिससे बाल श्रमिकों के नियोजकों में हड़कंप मचा। अभियान के तहत इन बच्चों के बयान दर्ज कर लिये गए हैं और 09 नियोजकों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (First Information Report) दर्ज कर ली गई है। जिनके खिलाफ अब नियमानुसार कार्यवाही होगी।
दरअसल, जनपद देहरादून के रिस्पना पुल, हरिद्वार रोड, आईएसबीटी रोड, तहसील चौक, त्यागी रोड आदि क्षेत्रों में 12 जून से 20 जून 2022 तक बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह अभियान चलाया गया। इसी सिलसिले में जिला बाल श्रम टास्क फोर्स देहरादून ने रेस्क्यू किया। जिसके तहत 500 से अधिक प्रतिष्ठानों का सघन सर्वेक्षण/निरीक्षण किया गया। इस अभियान के दौरान कुल 31 बाल एवं किशोर श्रमिक चिह्नित किए गए, जो होटल, ढाबा, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप में कार्य करते व कुड़ा बीनने के कार्य में लगे पाए गए। जिला बाल कल्याण समिति ने रेस्क्यू किए गए बच्चों के बयान दर्ज किये। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। शिक्षा विभाग की टीम ने बच्चों का शैक्षणिक पुर्नवास कराने के लिए विस्तृत विवरण जुटाया। वहीं डीटीएफ टीम ने 09 बाल श्रमिकों के नियोजकों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई।
उक्त अभियान में टीम का नेतृत्व सहायक श्रम आयुक्त ऋषिकेश केके गुप्ता ने किया। टीम में श्रम प्रवर्तन अधिकारी देहरादून पिंकी टम्टा, श्रम प्रवर्तन अधिकारी देहरादून बृजमोहन, एसओ हेमन्त कण्डूरी व एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून के धर्मलाल, बचपन बचाओ आन्दोलन देहरादून सुरेश उनियाल, चाईल्ड चाईन देहरादून के जसवीर रावत, समर्पण संस्था देहरादून की समन्वय मानसी, प्रोटेक्शन ऑफिसर सम्पूर्णा भट्ट, रश्मि बिष्ट, अखिलेश, पराविधिक कार्यकर्ता शमीना सिद्धकी, जहांगीर आलम, रेलवे चाइल्ड लाइन की समन्वयक निधि कुकरेती मौजूद रहे। नोडल ऑफिसर उमेश राय ने कहा है कि चिह्नित सेवायोजकों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाल श्रम रेस्क्यू की गतिविधियां आगे भी जारी रहेंगी।