अच्छा प्रयास: एक चेकडैम ने ला दी गांव की कृषि में बेहतरी

— कभी सिंचाई को तरसते थे किसान, आज सींच रहे खेत— गांव में सुविधा से रूक सकता है पलायन की भी सीख सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा:…

— कभी सिंचाई को तरसते थे किसान, आज सींच रहे खेत
— गांव में सुविधा से रूक सकता है पलायन की भी सीख

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: पहाड़ से बढ़ता पलायन एक बड़ी चिंता बना हुआ है। सरकार भी पलायन रोकने को प्रयासरत है, किंतु सोचनीय बात ये है कि अगर गांव में ही उचित सुविधा हो, तो पलायन पर ब्रेक लग सकता है। सुविधा जैसी बात का एक छोटा सा उदाहरण जिले के विकासखंड ताकुला के ग्राम सुनौली में देखने में आया है। जहां सिंचाई सुविधा एक सपना सा था, लेकिन ग्राम पंचायत की कोशिश और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से बने एक चेकडैम ने गांव के कृषकों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। अब खेत भी सींच रहे और उत्पादन भी बढ़ा और गांव के किसानों ने अपने कृषि कार्य में रूचि बढ़ा ली है। यह सब सुविधा का ही परिणाम है।
चेकडैम ने बदल की कृषि की दशा

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत विकासखण्ड ताकुला के ग्राम सुनौली में कृषि सिंचाई सुविधा के लिए 1.996 लाख की लागत से एक चेकडैम निर्मित किया गया। इस चेकडैम से गांव की करीब 50 से 70 हेक्टेअर कृषि भूमि सिंचित की जाने लगी है और इस सिंचाई सुविधा ने खेतों में उत्पादन बढ़ा दिया है। गांव में धान, गेहूॅ, मडुवा आदि अनाजों के साथ ही शिमला मिर्च, गोभी, टमाटर, बीन्स आदि सब्जियों का अच्छा उत्पादन हो रहा है।
अब कृषि कार्य में लौटी रुचि

मुख्य कृषि अधिकारी डी कुमार ने बताया कि इससे पहले गांव में पानी के स्रोत उपलब्ध थे, किंतु उनका उपयोग कृषि कार्यों में नहीं हो पा रहा था। ग्राम पंचायत द्वारा गूल निर्मित की गई किंतु सिंचाई के लिए जल अपर्याप्त था। कृषि विभाग ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत बिनसर गाड़ नामक गधेरे पर चेकडैम का निर्माण कराया। जिससे गदेरे के पानी को रोककर लगभग 30 हजार लीटर पानी को एकत्र कर उसे सिंचाई गूल के जरिये ग्राम पंचायत से बनी सिंचाई गूल से जोड़ा गया। अब गांव को सिंचाई के लिए प्राप्त हो रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित 04 किमी लम्बी गूल से लगभग 80 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इतना ही नहीं पहले सिंचाई सुविधा के अभाव में किसानों में मायूसी रहती थी, यहां तक कि पहले कुछ किसान गांव में खेती कार्य छोड़ चुके थे। मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि अब सिंचाई जल उपलब्ध होने पर किसान पूर्ण परिश्रम एवं मेहनत से कृषि, उद्यान व पशुपालन कार्य में रुचि ले रहे हैं और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर अधिक लाभ ले रहे हैं। पूर्व में खेती छोड़ चुके कुछ कृ​षक फिर खेती करने लगे हैंं।

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