Dr. Saurabh Talekar : जिला अस्पताल से नामी अस्थि रोग विशेषज्ञ उच्च शिक्षा को रवाना
डॉ. सौरभ तलेकर

➡️ जिला अस्पताल से नामी अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. तलेकर उच्च शिक्षा को रवाना

📌 सीमित संसाधन, फिर भी अल्मोड़ा में किया घुटने-कूल्हे का प्रत्यारोपण

Dr. Talekar/Inspirational: A few months of service left an impression in the hearts of people

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः कहा जाता है-’कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करे सो तस फल चाखा’ यानी अपने कर्म के अनुसार ही मनुष्य फल प्राप्त करता है। इसी कारण अच्छे कर्म वाला या कर्म प्रधान पुरुष ही नामी व महान बनता है। कुछ ऐसी ही कर्म प्रधानता का प्रेरणादायी उदाहरण यहां जिला अस्पताल में महज 08 माह के कार्यकाल में एक होनहार चिकित्सक डॉ. सौरभ तलेकर (Dr. Saurabh Talekar) ने प्रस्तुत किया है। जो अपने बेहतर कार्य व सेवाभाव से चंद महीनों में ही कई लोगों के दिलों में अपनी नामी छाप बना छोड़ गए और अब स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए कनाडा रवाना होने जा रहे हैं।

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घुटनों व कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण

दरअसल, लगभग 08 माह पहले जिला अस्पताल अल्मोड़ा में अनुबंध के आधार पर युवा अस्थि रोग विशेषज्ञ/सर्जन डॉ. सौरभ तलेकर (Dr. Saurabh Talekar) ने ज्वाइन किया और अपनी सेवाएं देना शुरू की। शनैः-शनैः उनसे उपचार लेने के बाद हड्डी संबंधी रोग से पीड़ित कई लोगों को लाभ मिलने लगा और अस्थि संबंधी इलाज के लिए लोग उनके करीब होते गए। उनका उपचार महज हड्डी संबंधी परेशानियों और हड्डी की टूटफूट तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि अस्पताल में सीमित संसाधनों के बावजूद कई मरीजों के घुटनों व कूल्हों का सफल प्रत्यारोपण यहीं कर डाला। लाखों के खर्च वाले ये आपरेशन सस्ते में अपनी कुशल शल्य चिकित्सा से यही सुलभ करा दी। इसमें उन्हें सहायक स्टाफ का भी सहयोग रहा। उन्हें इस मेहनत व हुनर ने एक विशिष्ट पहचान दिला दी। जिससे उन्होंने तमाम मरीजों के दिलों पर महज आठ माह के कार्यकाल में ही एक छाप छोड़ी है।

अब कनाडा में लेंगे उच्च शिक्षा

डा. तलेकर (Dr. Saurabh Talekar) का निःस्वार्थ भाव व अपने कर्तव्य के प्रति ऐसी लगन रही कि उन्होंने स्वयं के कार्य को प्रचारित करने का प्रयास भी नहीं किया। कई लोगों को मलाल इस बात का है कि अब जिला अस्पताल में डा. तालेकर की सेवा लोग नहीं पाएंगे, क्योंकि यहां करीब 08 माह की सेवा के बाद डा. तालेकर अपने क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए कनाडा रवाना हो गए हैं। उन्होंने अपनी कुशल शल्य चिकित्सा से कई लोगों को नया जीवन प्रदान किया, जो उनकी सेवा को सदैव याद रखेंगे।

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