Bageshwar: जिला पंचायत पर आरोपों की झड़ी, बेमियादी धरना—प्रदर्शन की धमकी

— एसडीएम व कोतवाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई— पूर्व सदस्य बोले, सदन में पुलिस बुलाना निंदनीय सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरजिला पंचायत बागेश्वर के उपाध्यक्ष…

— एसडीएम व कोतवाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई
— पूर्व सदस्य बोले, सदन में पुलिस बुलाना निंदनीय

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत बागेश्वर के उपाध्यक्ष समेत नौ सदस्यों ने जिला पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला होने का आरोप जड़ा है और कोतवाल व उन्हें आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि जब सदस्य जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से वार्ता कर रहे थे, तब एसडीएम के आदेश पर कोतवाल वहां पहुंचे और उन्होंने महिला सदस्यों से अभद्रता की। इसके अलावा भी आरोपों की झड़ी लगाते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अविलंब इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई, तो एक नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का एलान किया है।

शुक्रवार को टीआरसी परिसर पर पत्रकार वार्ता में जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, जिला पंचायत सदस्य और पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी, सदस्य बंदना ऐठानी, सुरेंद्र खेतवाल, इंदिरा परिहार, पूजा आर्य, रेखा आर्य, रूपा कोरंगा, गोपा धपोला ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष अपरिवक्ता के कारण बैक फुट पर हैं। इसी कारण जिला पंचायत के 364 कार्य बिना चर्चा के ही स्वीकृत कर दिए गए। जिसमें नौ करोड़ एक लाख रुपये का बजट पारित हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से हड़बड़ी में ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन में जनसंख्या घनत्व पर ध्यान नहीं दिया गया है। पंचायती राज एक्ट में 15वें और राज्य वित्त में विवेकाधीन शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत जिले का सर्वोच्च सदन है। यह भी कहा कि अध्यक्ष ने पुलिस फोर्स बुलाकर सदन की गरीमा गिराई है और बिना महिला पुलिस कर्मियों के पुलिस को बुलाकर महिला सदस्यों को अपमानित करने का भी कार्य किया है।

प्रेसवार्ता में अभद्रता की बात को स्पष्ट करते हुए उपाध्यक्ष व सदस्यों ने बताया कि गत 21 अक्टूबर को जिला पंचायत की सामान्य बैठक के बाद छह महिला सदस्य, उपाध्यक्ष व एक पुरुष सदस्य अपर मुख्य अधिकारी से वार्ता कर रहे थे। इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष ने एसडीएम को फोन किया और एसडीएम ने बिना उच्च अधिकारियों को बताए कोतवाल, चालक और अन्य पुलिस जवान को जिला पंचायत भेज दिए। आरोप लगाया कि वहां पहुंचकर कोतवाल ने महिला सदस्यों से अभद्रता की। जिला पंचायत सदस्यों ने कोतवाल को लाइन हाजिर करने और एसडीएम का तबादला करने की मांग की।
पूर्व सदस्यों ने की निंदा

महेश परिहार देवेंद्र परिहार सुंदर मेहरा

बागेश्वर: उक्रांद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य एडवोकेट महेश परिहार ने कहा कि जिला पंचायत जिले का सर्वोच्च सदन होता है। जहां जनपद के विकास योजनाओं पर विस्तृत चर्चा होती है, किंतु जिला पंचायत में लंबे समय से चल रहे गतिरोध पर उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्यत निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्हें अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सदन में उठाने का नैतिक अधिकार है। जहां पर सदस्यों की अनदेखी हो रही हो, वहां उनका विरोध करना स्वाभाविक है। सदस्यों के विरोध को पुलिस बुलाकर डराना सदस्यों का अपमान तो है ही साथ ही उस सदन का भी अपमान है। जहां से जनपद की विकास योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाता है। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुंदर मेहरा, देवेंद्र परिहार, राजेन्द्र सिंह थायत ने भी सदस्यों द्वारा विकास योजनाओं के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर पुलिस बुलाने की घटना की कड़ी निंदा की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *