उत्तराखंड : 36 रूपये अधिक कटने पर मांगी हेल्प, खाते से चले गये करीब 79 हजार

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून सूचना क्रांति व इंटरनेट के मौजूदा दौर में साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है। प्रदेश के तमाम शहरों में आए…

साइबर क्राइम

सीएनई रिपोर्टर, देहरादून

सूचना क्रांति व इंटरनेट के मौजूदा दौर में साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है। प्रदेश के तमाम शहरों में आए दिन आनलान ठगी के मामले आ रहे हैं। ऐसा ही एक अनोखा मामला देहरादून के साइबर सेल के पास पहुंचा है। जहां एक व्यक्ति ने पीटीएम से किये गये भुगतान पर महज 36 रूपये अधिक कटने की शिकायत हेल्पलाइन नंबर पर करी। पर समाधान होना तो दूर उनके खाते से करीब 79 हजार रूपये साफ हो गये।

दरअसल, यह मामला देहरादून के थाना क्लेमेंटाउन क्षेत्र के अंतर्गत घटित हुआ है। किसी अंजान शख्श ने पेटीएम अधिकारी बनकर ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा भी पंजीकृत कर दिया है। आशिमा बिहार निवासी अनिल कुमार ने इस मामले में शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने गत दिनों IRCTC से ट्रेन का टिकट बुक कराया था, जिसके बाद उनके खाते से 3365 रुपए के बजाय 3401 कट गए। 36 रूपये अधिक वसूले जाने पर उन्होंने पहले IRCTC के टोल फ्री नंबर पर कॉल किया। जहां पर उन्हें बताया गया कि रुपए Paytm से कटे हैं, अतएव वहां संपर्क किया जाये।

फिर अनिल कुमार ने Google से पेटीएम कस्टमर केयर का नंबर मिलाया। इसके बाद एक व्यक्ति ने उन्हें पीटीएम अधिकारी बनकर फोन किया और समस्या को हल करने के लिए एनीडेस्क सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने को कहा। पीड़ित ने जब यह ऐप डाउनलोड किया तो उन्हें एक नंबर जनरेट हुआ, जिसे उन्होंने फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी को बता दिया। इस बीच उस अंजान व्यक्ति ने पीड़ित को बरगलाते हुए एटीएम का सीवीसी नंबर भी ले लिया।

शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद अलग-अलग समय में उनके खाते से 78,709 रुपए कट गए। इधर पुलिस के अनुसार साइबर थाने में जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इधर पुलिस ने आम जनता से अपील करी है कि वह स्वयं जागरूक रहें। कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारियां शेयर नहीं करें। कभी भी कोई कस्टमर केयर अधिकारी आपसे आपका पासवर्ड या ओटीपी नहीं मांगते हैं। वहीं कस्टमर केयर अधिकारी से यदि बात भी करनी है तो संबंधित संस्था के ऐप में ही आपको हेल्प मिल जायेगी। यदि गूगल से कोई नंबर मिलता है तो बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

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