हे भगवान : भैंस चोरी की जांच कर रहे एएसआई का बयान लेने के नाम पर महिला से दुष्कर्म का आरोप, ग्रामीणों ने बनाया बंधक, मुकदमा दर्ज

चित्तौड़गढ़। जब मेढ ही खेत को खाने लगे तो क्या करें। यह सवाल इंसान को निराशा में डाल सकता है। लेकिन यह है सार्थक सवाल…

चित्तौड़गढ़। जब मेढ ही खेत को खाने लगे तो क्या करें। यह सवाल इंसान को निराशा में डाल सकता है। लेकिन यह है सार्थक सवाल खासकर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की एक घटना ने इस सवाल को और भी सार्थक बना दिया है। यहां पुलिस के एक एसआई पर भैंस चोरी की जांच के नाम पर घर में घुसकर महिला से दुष्कर्म का आरोप लगा है। इसके बाद ग्रामीणों ने एएसआई को पेड़ से बांधकर पीटा, उधर पुलिस ने अपने ही एसआई पर मुकदमा दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है, उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है।
दैनिक भास्कर की रिपेार्ट के अनुसार यह मामला चंदेरिया थानू के एक गांव का है। यहां 13 मार्च को एक व्यक्ति की भैंस गायब हो गई थी। उसने अपने ही छोटे बेटे पर शंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसका छोटा बेटा किसी और महिला के साथ दूसरे गांव में रहने लगा है। जांच चौकी इंचार्ज एएसआई श्यामलाल सुखवाल को साैंपी गई। वह बयान और पूछताछ के लिए दो-तीन दिन से फरियादी, उसके बेटे और उसके साथ रह रही महिला के पास लगातार जा रहा था।
पीड़िता ने बताया कि शनिवार को घर आकर पहले आरोपी पुलिसकर्मी ने कार्रवाई के लिए 5 हजार रुपए मांगे। महिला ने इसमें असमर्थता जताई तो पुलिसकर्मी ने अगली सुबह आने की बात कही। महिला मजदूरी करती है और दोपहर में घर लौटती है। सोमवार को दोपहर एक बजे घर आकर उसने एएसआई श्यामलाल को फोन किया ताकि वह बयान ले सके। वह कुछ देर में ही आ गया। वह सीधे महिला के कमरे में पहुंचा और छेड़छाड़ करते हुए दुष्कर्म किया। इसी दौरान महिला के जेठ एएसआई को ढूंढते हुए कमरे में आए। उन्होंने आरोपी को खींचकर बाहर निकाला।
आसपास के लोगों ने आरोपी एएसआई श्यामलाल को नीम के पेड़ से बांध दिया और उसकी पिटाई की। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस अफसरों ने मौके पर पहुंचकर एएसआई को छुड़ाया। थाने में दोनों पक्षों से पूछताछ के बाद आरोपी पर छेड़छाड़ और दुष्कर्म का केस दर्ज कर उसे लाइन हाजिर कर दिया गया। मंगलवार को महिला का मेडिकल कराया गया। महिला का आरोप है कि एएसआई दो दिन से उसके कमरे में आकर अश्लील हरकतें कर रहा था।
लोगों ने एएसआई को पेड़ से बांधने का वीडियो भी बनाया, जिसमें वह गिड़गिड़ाते हुए सफाई देता दिख रहा है। भूख-प्यास लगने पर गुहार लगाता भी नजर आ रहा है। परिवार ने बंधक रहते हुए ही उसे पीने को पानी दिया। तब ही छोड़ा, जब पुलिस आई। थाने पर आने के बाद एएसआई अधिकारियों से यही कहता रहा कि वह बार-बार बुलाने पर ही मामले की जांच करने गया था। उसे गलत आरोप लगाकर बंधक बनाया गया और मारपीट भी की गई।
इधर, आरोपी पुलिसकर्मी ने घटना को साजिश बताते हुए इसमें अपने ही विभाग के एक एसआई के इसमें शामिल होने का संदेह जताया। उसकी रिपोर्ट पर भी केस दर्ज हुआ। आरोपी श्यामलाल के अनुसार उसे बंधक बनाते समय एक सब इंस्पेक्टर और उसके रिश्तेदार भी मौजूद थे। उनसे जुड़े एक मामले में सच्चाई नहीं होने पर एफआर लगाने से वे रंजिश रखते हैं। आरोपी ने दुष्कर्म के आरोपों को भी गलत बताया है।

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