एम्स ऋषिकेश ने विद्यार्थियों को कोरोना वायरस के प्रति किया जागरुक

देहरादून। एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में गठित कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स की ओर से नगर के समीपवर्ती क्षेत्रों व विभिन्न विद्यालयों में आम नागरिकों व…


देहरादून। एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में गठित कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स की ओर से नगर के समीपवर्ती क्षेत्रों व विभिन्न विद्यालयों में आम नागरिकों व विद्यार्थियों को कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जागरुक किया गया। मुहिम के दौरान 1200 से अधिक नागरिकों व छात्र-छात्राओं को सुरक्षा के मद्देनजर निशुल्क मास्क वितरित किए गए। इस दौरान अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि अब स्कूली विद्या​र्थियों को एक नई उमंग के साथ अपनी पढ़ाई के लिए फिर से तैयार होना है। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि छात्र-छात्राओं को कोविड19 से सुरक्षा को लेकर भारत सरकार द्वारा से दी जा रही आवश्यक जानकारियों व एहतियात से अवगत होना होगा, जिससे वन को सुरक्षित रखा जा सके और कोरोना संक्रमण के प्रति उनके द्वारा दूसरे लोगों को भी जागरुक किया जा सके।

बृहस्पतिवार को श्रीभरत मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के तहत कोविड19 कम्युनिटी टास्क फोर्स द्वारा शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जागरुक किया गया। जबकि बीते दिनों आईडीपीएल स्थित कृष्णानगर लेवर कॉलोनी व गंगाभोगपुर स्थित दिव्य भारत शिक्षा मंदिर जूनियर हाईस्कूल गंगाभोगपुर तल्ला में स्थानीय नागरिकों के साथ साथ विद्यार्थियों को कोविड19 को लेकर जागरुक किया गया। मुहिम के दौरान सभी लोगों को एम्स की ओर से मास्क वितरित भी किए गए। इस दौरान संस्थान की कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स व सोशियल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स की संपूर्ण टीम द्वारा छात्र- छात्राओं को कोविड19 महामारी से उत्पन्न भय एवं मनोविकारों के बाबत उचित सुझाव दिया जा रहा है। उन्होंने कोविड 19 कम्युनिटी टास्क फोर्स के माध्यम से सभी शिक्षकों से आग्रह किया है ​कि यदि उनके छात्र- छात्राओं में कोविड से उत्पन्न मनोविकार या अवसाद के लक्षण पाए जाते हैं अथवा विद्यालय की ओर से इस विषय में किसी तरह की कार्यशाला के आयोजन पर विचार किया जाता है तो एम्स की आउटरीच टीम इसको लेकर अपनी सेवाएं प्रदान करने को तैयार है। इसकी वजह स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि इस महामारी के दौरान छात्र- छात्राओं में इतने लंबे समयांतराल के बाद कई तरह के मनोविकार देखे गए हैं,जिनका कि समय से निराकरण करना अत्यंत आवश्यक है। कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स की साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ. रंता कुमारी ने कहा कि छात्र- छात्राएं जब स्कूल में पढ़ने के बाद अपने घर जाते हैं तो, घर में अपने बुजुर्गों से उचित दूरी बनाए रखें। जिससे उन्हें किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सके। हल्द्वानी : दोस्त का जन्मदिन के बहाने भोजियाघाट ले गई मौत, वापसी में पनियाली के दो युवकों को बनाया शिकार, परिवारों में कोहराम

एम्स के मनोरोग विभाग के डॉ ब्रुजिली अब्राहम ने कहा कि कोविड19 के कारण लगे लॉकडाउन के बाद स्कूलों के इतने लंबे समय के बाद खुलने से विद्यार्थियों में चिड़चिड़ापन आ सकता है, लिहाजा ऐसे में शिक्षकों को चाहिए कि वह छात्र- छात्राओं से उचित व्यवहार करें व यदि उनको बच्चों में किसी तरह के मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव के लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो वह इस बाबत संस्थान की कोविड19 कम्युनिटी टास्क फोर्स को भी सूचित कर सकते हैं। इस दौरान श्रीभरत मंदिर इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह रावत ने एम्स की ओर से कम्युनिटी के साथ साथ विभिन्न विद्यालयों में आयोजित किए जा रहे कोविड-19 जनजागरुकता कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता नवीन मोहन के अलावा एम्स के हिमांशु ग्वाड़ी, विकास सजवाण, त्रिलोक सिंह, प्रियंका, अनुराधा आदि मौजूद थे।

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