लालकुआं। किसान आंदोलन के समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर खरीद की गारंटी करने का कानून बनाने आदि की मांग की और तीनों काले क़ानून व किसानों पर थोपे गए मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर नायब तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया।
यहां तहसील कार्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने नायब तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून को वापस लेने और किसानों पर दर्ज मुकदमो को वापस लेने की मांग की गई।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार काले कानून थोप रही हैं और किसानों की जमीन छीनकर अंबानी-अडानी सरीखे कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने वाले तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ऐतिहासिक देशव्यापी आंदोलन जारी है। इस आंदोलन को आम जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
विनाशकारी कृषि कानून न किसानों व किसानी को तबाह कर देंगे, बल्कि आम जनता को दाने.दाने का मोहताज बना देंगे।मजदूरों और गरीब अवाम को खाद्य सुरक्षा से भी वंचित कर देंगे क्योंकि खाने की वस्तुओं को बाजार और जमाखोरी के हवाले कर दिया जायेगा राशन की प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश में आज रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी और साथ ही कमरतोड़ महंगाई है मोदी सरकार का बजट भी किसान मजदूर विरोधी है। उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून फांसी का फंदा है जिससे किसानों और आम जनता को खुद को मुक्त करना है केन्द्र सरकार हठधर्मिता छोड़े और देश के किसानों की बात सुनकर तीनों कृषि कानूनों को वापस ले नहीं तो आंदोलन के चलते उनको अपने कदम वापस खींचने पर मजबूर होना ही पड़ेगा।