Big News: नेपाली व तिब्बती भाषाओं का पाठ्यक्रम तैयार करेगा एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा

— भारत—नेपाल के संबंध, इतिहास व संस्कृति पर विभिन्न देशों के विशेषज्ञ करेंगे मंथन— अल्मोड़ा में कल शुरू होगा तीन दिनी अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार— पत्रकारों से…

— भारत—नेपाल के संबंध, इतिहास व संस्कृति पर विभिन्न देशों के विशेषज्ञ करेंगे मंथन
— अल्मोड़ा में कल शुरू होगा तीन दिनी अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार
— पत्रकारों से मुखातिब होकर कुलपति प्रो. भंडारी ने दी जानकारी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद (नेपाल अध्ययन केंद्र), नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में 27 जून, 2022 यानी कल से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार अल्मोड़ा में होने जा रहा है। जिसमें कई देशों के विषय विशेषज्ञ ‘इंडो नेपाल रिलेशन्स एंड उत्तराखंड इंडिया: शेयर्ड हिस्ट्री एंड कल्चर’ विषय पर चिंतन—मनन करेंगे। इसी संबंध में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी व आयोजकों ने आज विवि के जंतु विज्ञान विभाग सभागार में प्रेसवार्ता की। जिसमें कुलपति प्रो. भंडारी ने भारत—नेपाल के रोटी—बेटी के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सेमिनार दोनों देशों की संस्कृति, समाज, इतिहास, कला, लोककला आदि विषयों पर साझा कार्य करने की दिशा में नई राह प्रशस्त करेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय भविष्य में नेपाली एवं तिब्बती भाषाओं का पाठ्यक्रम तैयार करेगा।

प्रेसवार्ता में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के नवोदित सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में शोध की अनेकानेक संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं पर खरा उतरने के लिए शुरू से ही विश्वविद्यालय इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है और लगातार बेहतरी के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन्हीं प्रयासों के तहत भारत और नेपाल का संस्कृति, समाज, इतिहास, कला, लोककला आदि बिंदुओं पर साझा अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में विभिन्न देशों के अकादमिक सदस्य/रिसर्चर/अध्येता शामिल होकर गहन चिंतन मनन करेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय भविष्य में नेपाली एवं तिब्बती भाषाओं का पाठ्यक्रम तैयार करेगा। कुलपति ने सेमिनार का उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत—नेपाल के बीच रोटी—बेटी का संबंध है। दोनों के समाज, संस्कृति, कलाएं आज भी अध्ययन करने योग्य हैं। तभी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद (नेपाल अध्ययन केंद्र) के सहयोग से इतिहास, समाज, संस्कृति के आदान-प्रदान आदि पर विस्तार मंथन को सेमिनार होने जा रहा है। प्रो. भंडारी ने बताया कि भारत समेत जर्मनी, यूएसए, फ्रांस, पोलैंड, रसिया, नेपाल, पोलैंड आदि देशों से अकादमिक सदस्य इस सेमिनार में भागीदारी कर रहे हैं।

अंतराष्ट्रीय सहयोग परिषद (नेपाल अध्ययन केंद्र), नई दिल्ली की तरफ से आए डॉ. लवी त्यागी ने कहा की तीन दिवसीय सेमिनार में देश-विदेश के अकादमिक सदस्य भाग ले रहे हैं। जो विद्यार्थियों/शोधार्थियों को नई नई जानकारियों से रूबरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का सहयोग सराहनीय है। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भंडारी व स्थानीय आयोजक सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इस सेमिनार के विभिन्न तकनीकी सत्रों में भारत एवं अन्य देशों के रिसर्चर भारत-नेपाल के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, साहित्यिक आदि पहलुओं पर शोध पत्र पढ़ेंगे।

सेमिनार के स्थानीय सचिव प्रो. वीडीएस नेगी ने कहा कि 27 जून, 2022 यानी कल अपराह्न 2 बजे सेमिनार का उदघाटन होगा। उन्होंने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के इतिहास, समाजशास्त्र व हिंदी विभाग एवं सेवा इंटरनेशनल-अंतराष्ट्रीय सहयोग परिषद (नेपाल अध्ययन केंद्र), नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार की तैयारियों के संबंध में कई जानकारी दी। प्रेसवार्ता में शोध एवं प्रसार केंद्र के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट, कुलसचिव डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट, एनआरडीएमएस के निदेशक डॉ. नंदन सिंह बिष्ट, डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया, विवि के क्रीड़ाधिकारी लियाकत अली, मीडिया प्रभारी डॉ. ललित जोशी, डॉ. गोकुल देउपा, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, प्रेमा बिष्ट, रवि कुमार, चंदन जीना आदि कई लोग शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *