अल्मोड़ाः नई शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से लागू करने पर जोर

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एसएसजे विश्वविद्यालय में विस्तृत चर्चा की विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने के लिए टीम भावना से काम करना…


  • महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एसएसजे विश्वविद्यालय में विस्तृत चर्चा की
  • विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने के लिए टीम भावना से काम करना होगा

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा


कुमाऊं दौरे के तहत अल्मोड़ा पहुंचकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में कुलपति कार्यालय सभागार में कुलपति और डीन एवं वरिष्ठ प्रोफेसरों के साथ बैठक कर नई शिक्षा नीति के महत्व पर विस्तृत चर्चा की और विश्वविद्यालय में इसे बेहतर तरीके से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने के लिए सभी को टीम भावना से काम करना होगा। उन्होंने शिक्षकों से बातचीत भी की।

राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 बेहद उपयोगी है। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य भव्य भारत का निर्माण करना है, क्योंकि शिक्षा ही हर चीज का मूल है। बाद में पत्रकारों से संक्षिप्त वार्ता में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के संबंध में कहा कि यह विश्वविद्यालय नया है और इस क्षेत्र का बड़ा शिक्षा संस्थान है। श्री कोश्यारी ने कहा कि कई क्षेत्रों में सभी प्राध्यापकों व कुलपति ने मिलकर विश्वविद्यालय के विकास के लिए अच्छा प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास चलते रहने चाहिए और उम्मीद जताई कि यदि सभी टीम भावना से काम करें, तो इस विश्वविद्यालय का एक दिन नाम बहुत ऊंचा होगा।

बैठक में कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों व प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। विवि की स्थापना के बाद हुए कार्यों से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अवगत कराते हुए कुलपति प्रो. भंडारी ने विश्वविद्यालय में संचालित शैक्षिक, रचनात्मक, क्रीड़ा गतिविधियों की जानकारी दी और उन्होंने यह भी बताया कि नदियों के संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी विश्वविद्यालय ने व्यापक जन चेतना फैलाने का प्रयास किया है। इसके अलावा विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र, अल्मोड़ा परिसर में उत्तराखंड जलवायु परिवर्तन केंद्र, लक्ष्मी टम्टा महिला अध्ययन केंद्र, हरेला पीठ एवं कानूनी सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना की जा चुकी है। यह भी बताया कि सत्र 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू किया जा चुका है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय को ऑल इंडिया सर्वे आन हायर एजूकेशन व एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटी में पंजीकृत किया गया है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय उत्तराखंड, पौलेंड विश्वविद्यालय एवं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी तथा वन विभाग अल्मोड़ा के साथ पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों के आदान-प्रदान के साथ विभिन्न शैक्षिक एवं शोध गतिविधियों के आदान-प्रदान के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। वहीं चिकित्सा विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, मेडिकल कॉलेज एवं पं. गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण अध्ययन संस्थान एवं विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान शोध केंद्र, अल्मोड़ा से एमओयू की प्रक्रिया गतिमान है। बैठक के अंत में विश्वविद्यालय के शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
यहां से काफी लगाव हैः कोश्यारी

अल्मोड़ाः सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कुलपति व अन्य के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि- मैंने इसी कालेज से स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई की। इसलिए उन्हें यहां से बेहद लगाव है। उन्होंने कहा कि कभी यह कालेज रहा और फिर आगे बढ़कर कैम्पस बना और आज विश्वविद्यालय बन गया है। मुझे यहां आकर काफी अच्छा लगा। तभी यहां आकर कुलपति व शिक्षकों से मिला और बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि बैठक में उन्होंने नई शिक्षा नीति के संबंध में कुलपति व प्रोफेसरों से बात की और उनकी बातें भी सुनी।
दृश्यकला से भी हो कुलपति चयन

अल्मोड़ाः सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक प्रो. शेखर चंद्र जोशी ने बाचतीत के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष बात रखी कि दृश्यकला के प्रोफेसरों में से भी कुलपति पद के लिए चयन होना चाहिए। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि महाराष्ट्र राजभवन में यहां की एक कला प्रदर्शनी आयोजित कराई जाए। इस पर राज्यपाल ने उन्हें कला प्रदर्शनी लगाने का आश्वासन दिया।

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