Big Breaking : इंतजार खत्म, खुल गया अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग

सीएनई रिपोर्टर, गरमपानी/सुयालबाड़ी आखिरकार लंबा इंतजार खत्म हुआ और रात—दिन चले भारी मशीनों से अतिवृष्टि के बाद बंद हुआ अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग अब छोटे वाहनों…


सीएनई रिपोर्टर, गरमपानी/सुयालबाड़ी

आखिरकार लंबा इंतजार खत्म हुआ और रात—दिन चले भारी मशीनों से अतिवृष्टि के बाद बंद हुआ अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग अब छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि लोनिवि और एनएच की टीमें अतिवृष्टि रूकने के बाद से लगातार सड़क खुलवाने के कार्य में जुटी रहीं। आज सबसे पहले क्वारब से चमड़िया तक एनएच खोल दिया गया। इसके बाद देर शाम तक चले काम के बाद क्वारब से गरमपानी व खैरना तक मार्ग भी खोल दिया गया है। मेंढ़क पत्थर से हल्द्वानी तक भी एकतरफा यातायात के लिए सड़क खोल दी गई है। इसके बाद अब अल्मोड़ा—हल्द्वानी मार्ग पूरी तरह छोटे वाहनों के लिए यातायात के लिए खोल दिया गया है। हालांकि बड़े वाहन इस मार्ग से नहीं गुजरेंगे तथा यह लेन एकतरफा होगा। इसलिए जाम आदि की सम्भावना भी है। जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now

विभाग के ऐई गिरजा शंकर पांडे, कनिष्ठ अभियंता पीके तिवारी, विनोद कुमार, जगत बोरा आदि निरंतर सड़क मार्ग को खुलवाने के काम में जुटे रहे। आधे दर्जन के करीब पोकलैंड मशीनें भी मार्ग खुलवाने के लिए लगाई गई थीं, जो अब भी कार्य कर रही हैं। विभाग के उच्चाधिकारी भी दौरा करते रहे। एनएच रानीखेत की टीम भी लगातार काम पर लगी हुई थी। वर्क एजेंट शेखर चंद्र कांडपाल भी मौके पर अब भी जमे हुए हैं।

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पहले कहा जा रहा था कि अल्मोड़ा—हल्द्वानी मार्ग पूरी तरह खुलने में चार—पांच दिन लग सकते हैं, लेकन लेटस्ट जानकारी यह है कि यह मार्ग अब पूरी तरह यातायात के लिए खुल गया है, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली है। इसका असर किराये पर भी पड़ेगा। चूंकि लंबे रूट से यात्रा करने की मजबूरी के कारण यात्रियों को काफी अधिक खर्च करना पड़ रहा था।

इधर संबंधित निर्माण कंपनी आल ग्रेस डेवलपर्स उत्तराखंड की इस बाधित राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने में अत्यंत सराहनीय भूमिका रही। आपदा के दौरान कंपनी के तमाम लोग मार्ग खुलवाने के कार्य में रात दिन जुटे रहे। कंपनी के तय्यब खान ने बताया कि यही नहीं, आपदा के दौरान भी लगातार भारी मशीनों की मदद से जगह—जगह मलबा हटाने का काम लगातार किया गया। इस आपदा में कंपनी को भी पांच करोड़ से अधिक का नुकसान भी भुगतना पड़ा। आपदा के दौरान कंपनी की तमाम मशीनें, जेसीबी आदि क्षतिग्रस्त हो गई थीं।

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