खुशखबरी : सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालयों में योग के नये पाठ्यक्रमों की अनुमति, परफार्मिंग आर्ट्स के पाठ्यक्रम भी चलेंगे, कुलपति प्रो. भंडारी ने शुरू की पहल

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ासोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अब परफार्मिंग आर्ट से संबंधित विभिन्न नये पाठ्यक्रम खोलने जा रहा है। जिससे यहां के युवाओं को रंगमंच के…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अब परफार्मिंग आर्ट से संबंधित विभिन्न नये पाठ्यक्रम खोलने जा रहा है। जिससे यहां के युवाओं को रंगमंच के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का कमाल दिखाने का मौका मिलेगा। इसके लिए कुलपति प्रो. एनएस भंडारी ने पहल शुरू कर दी है। इसके अलावा योग के छात्रों के लिए खुशखबरी ये है कि कुलपति ने नये पाठ्यक्रमों को शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है, ताकि छात्र—छात्राएं अपना भविष्य निखार सकें।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को आज की आवश्यकता मानते हुए विश्वविद्यालय के अंतर्गत इन पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की पहल शुरू कर दी है। इसी क्रम में उन्होंने ऐसे कई पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति दे दी है। सोमवार को कुलपति प्रो. भंडारी ने एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के योग विभाग की समीक्षा बैठक में कार्यों की अच्छी उपलब्धि की प्रशंसा की। उन्होंने योग विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में योग में प्रमाण पत्र, प्राकृतिक चिकित्सा में प्रमाण पत्र, प्राकृतिक चिकित्सा में डिप्लोमा, प्राकृतिक चिकित्सा में साढ़े पांच वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की अनुमति प्रदान कर दी। ये पाठ्यक्रम पूर्व में पाठ्य समिति द्वारा स्वीकृत थे। साथ ही भविष्य में चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास से संबंधित डिप्लोमा व स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रमों का निर्माण करने के निर्देश दिए। अब योग विज्ञान विभाग में दर्जनों रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित होंगे। इसके लिए योग विभागाध्यक्ष डा. भट्ट ने शिक्षा विभाग की पाठ्य समिति की सिफारिशों को अनुमति प्रदान करने के लिए कुलपति का आभार जताया।
कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी ने एक पृथक बैठक में विश्वविद्यालय के अधीन जल्द ही परफार्मिंग आर्ट्स के विभिन्न पाठ्यक्रमों के संचालन के विषय पर मंत्रणा की। जिसमें कुलपति ने कहा कि जल्द ही बैचलर इन परफार्मिंग आर्ट (थिएटर) और मास्टर इन परफार्मिंग आर्ट (थिएटर) पाठ्यक्रमों को शुरू किया जाएगा और भविष्य में परफार्मिंग आर्ट की अन्य कलाओं से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। कुलपति ने एक कमेटी भी गठित की। ​जो परफार्मिंग आर्ट संकाय हेतु संरचनात्मक आवश्यकताओं की विस्तृत रूपरेखा और परफार्मिंग आर्ट (थिएटर) में स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए विस्तृत विवरण तैयार करेगी। दृश्यकला संकायाध्यक्ष प्रो. शेखर चंद्र जोशी की अध्यक्षता में गठित इस समिति में कुलसचिव डा. विपिन जोशी, संगीत विभाग की डा. सबीहा नाज व पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डा. ललित चंद्र जोशी को शामिल किया गया है। यह कमेटी जल्द कुलपति को विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करेगी। बैठक में कुलपति ने कहा कि सांस्कृतिक क्षेत्र अल्मोड़ा की भूमि में गीत-संगीत व नाट्य के क्षेत्र में अग्रणी रही है और इसमें इसका इतिहास बुलंद रहा है। यहां के ऐसे कलाकारों की लंबी फेहरिस्त है, जिन्होंने रंगमंच के मान—सम्मान बढ़ाया है और इन्हीं समृद्ध परम्पराओं का निर्वहन नई पीढ़ी कर रंगमंच में कर रही है। ऐसे में यहां के कलाकारों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए ऐसे पाठ्यक्रम बेहद जरूरी हैं।

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