अल्मोड़ा की उभरती गायिका रीना के गीत कुमाऊंनी एलबमों में मचा रहे धूम

⏩ ग्रामीण परिवेश की महिला की सुरीली आवाज के हजारों प्रशंसक सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा प्रतिभा गरीबी व अमीरी नहीं देखती। प्रतिभा तो कुदरत की बख्शीश…


⏩ ग्रामीण परिवेश की महिला की सुरीली आवाज के हजारों प्रशंसक

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

प्रतिभा गरीबी व अमीरी नहीं देखती। प्रतिभा तो कुदरत की बख्शीश है और उसी अनुरूप व्यक्ति उसी दिशा में कदम रखता है और मौका मिलते ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर नाम रोशन कर जाता है, भले क्षेत्र कोई भी हो। ऐसा ही प्रतिभा लेकर बागेश्वर जिले के दूरस्थ गांव के गरीब व सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली रीना मेहता इन दिनों आगे आ रही हैं। जो सुरीली आवाज में कुमाऊंनी में गायन के माध्यम से नवोदित कलाकार के रूप में उभर रही हैं और इस उनके मधुर कंठ से गाए गए कुछ गीत लोग रुचि से सुन रहे हैं। रीना की गायकी की धुन से फेसबुक पेज व यू ट्यूब चैनल में उसके गाने हजारों लोग सुन रहे हैं।

दरअसल, पहाड़ में हर क्षेत्र की प्रतिभाएं अनेक हैं, मगर कुछ ही आगे आकर प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाते हैं। इसकी वजह है कि सुविधाओं व संसाधनों की कमी। ऐसा ही कुछ रीना मेहता के साथ हुआ है। जिसका कंठ सुरीला है और वह बचपन से गायन में रुचि रखती है, किंतु दूर गांव में मंच व सुख-सुविधा के अभाव में उसकी रुचि दबकर ही रह गई। जो अब मौका मिलने पर फिर उभर रही है। जब रीना से बातचीत हुई, तो उसके कथनानुसार उसे शुरू से ही कुमाऊंनी गायन व नृत्य का शौक रहा है। जब स्कूल के दिनों में उसे कहीं स्थानीय स्तर पर गायन व नृत्य का मौका मिलता, तो वह आगे रहा करती थी, फिर चाहे वह स्कूल के कार्यक्रम हों, गांव में रामलीला हो या फिर स्थानीय मेला। मगर तब ग्रामीण परवरिश के चलते रीना दूर जाकर मंच नहीं पा सकी। जब कहीं उसे मंच नहीं मिलता, तो वह जंगल में मवेशियों के ग्वाले के दौरान ही गुनगुना कर अपनी रूचि को शांत कर लेती थी।

वर्ष 2016 में रीना का विवाह बागेश्वर जिले की कांडा तहसील अंतर्गत ग्राम जाखनी निवासी रमेश सिंह मेहता से हो गया। उसके पति रमेश सिंह मेहता अल्मोड़ा में टैक्सी मालिक व संचालक हैं। विवाह के बाद रीना अपने पति के साथ करीब 07 साल पहले अल्मोड़ा आ गई। गांव से शहर आकर उसे अपनी प्रतिभा को निखारने में कुछ उम्मीद की किरणें नजर आई। जब फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल में अन्य गायकों के गाने सुने और उसके मन में खुद गाने गाकर लोगों तक पहुंचाने की मंशा जगी, तो सुर साधना में लग गई। अल्मोड़ा आकर रीना ने सबसे पहले कृष्णा जीपीएस रावत के फेसबुक पेज पर लाइव भजन गाया, जो काफी सराहा गया और तमाम लोगों ने सुना। इसके बाद उसने कई अन्य गीत लाइव गाए। यहां खोल्टा निवासी रीना ने प्रह्लाद सिंह राणा का चर्चित कुमाऊंनी गीत ‘ऐजा रे ऐजा, ऐजा म्यारा दनपुरा’ फेसबुक पेज पर अपनी सुरीली आवाज में गाया, जिससे सैकड़ों लोगों ने सराहा। इससे उसे प्रोत्साहन मिला।

अपनी धुन के अनुसार रीना ने उसने दो कुमाऊंनी गाने स्टूडियो हल्द्वानी में गाए। इनमें से एक ‘उड़ि जा घुघुती, उड़ि जा आकाशा’ है, जिसके बोल भी रीना के ही हैं और दूसरा गाना ‘ओ लौंडा नबुवा नै कर नखारा’ गाया, जिसके बोल नवीन कुमार के हैं। ये दोनों नवीन कार्की के यूट्यूब चौनल पहाड़ी कल्चर में रिलीज हुए हैं। जिन्हें हजारों लोगों ने सुना और पसंद किया है। इधर चंद रोज पहले ही इसी यू ट्यब चौनल पर रीना का गाया गीत ‘मोहना त्येरि हुड़की बाजेली घमाघम’ रिलीज हो चुका है, जिसके बोल सुरेश बिष्ट के हैं। अभी रीना नये गीत तैयार करने में लगी है। इतना ही नहीं अपने मधुर स्वर रीना को कई कार्यक्रमों में भी गायन के लिए बुलाया जा चुका है। गत वर्षों में उसने नंदादेवी महोत्सव, दुर्गा महोत्सव, अपने गांव की रामलीला व लोहाथल में लगने वाले बासुकी नाग के प्रसिद्ध मेले समेत कई स्थानीय कार्यक्रमों में गायन कर चुकी है। रीना ने बताया कि उसकी इस विधा को आगे बढ़ाने में उसके पति द्वारा सहयोग दिया जा रहा है और उसका लक्ष्य कुमाऊंनी गायन के माध्यम से अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करना और कुमाऊंनी संस्कृति को आगे बढ़ाना है।

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