हल्द्वानी। सदन में नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा ह्रदयेश ने कहा है कि विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सरकार को घेरेगी और विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणा पत्र के माध्यम से की गई घोषणाओं भाजपा सरकार से हिसाब किताब मांगा जाएगा।
उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण आम आदमी का जीवन यापन करना मुश्किल होता जा रहा है। प्रदेश में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपये और डीजल की कीमत लगभग 80रूपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है। फरवरी माह में ही 15 बार पेट्रोल डीजल की दरों में बढ़ोतरी की गई है। पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में डीजल एवं पेट्रोल के दाम सर्वाधिक हैं। सरकार पेट्रोल एवं डीजल की मूल्य वृद्धि रोकने में विफल साबित हुई है। पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के कारण खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं खाद्य तेल के दाम 150 रुपये लीटर से अधिक हो चुके हैं। वहीं प्याज के दाम 50रुपये प्रति किलो से अधिक हो चुके हैं। रसोई गैस सिलेंडर में पूर्व में जारी सब्सिडी को लगभग समाप्त कर दिया गया है।
खरी—खरी : अपनी ही सरकारों से बंशीधर भगत की नाफरमानी
फरवरी 2020 में उपभोक्ताओं को 309.57 पैसे गैस सब्सिडी मिलती थी। जो अब 18रुपये रह गई है। वर्ष 2021 में 57 दिन के अंदर रसोई गैस के दाम 150 प्रति लीटर बढ़ा दिए गए जिस कारण रसोई गैस सिलेंडर के दाम 814रुपये प्रति लीटर प्रति सिलेंडर हो गए हैं। वर्ष 2014 में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 400रुपये थी जो पूरी हो गई है भारत सरकार की उज्जवला योजना के जनपद में 30000 लाभार्थियों में से 15 से अधिक लोगों ने महंगाई के कारण सिलेंडर भरवाने बंद कर दिये हैं जो कि इस योजना की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि रोडवेज के किराए में लगातार वृद्धि से गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों का यात्रा करना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार की विफल नीतियों के कारण बढ़ती महंगाई से आम आदमी का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा कर रह गया है। डॉक्टर इंदिरा हृदयेश ने कहा प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। लगभग एक करोड़ की जनसंख्या वाले देश में 15लाख से भी अधिक युवा बेरोजगार हैं तथा रोजगार की तलाश में पलायन करने पर मजबूर हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा वर्ष 2017 में जारी घोषणा पत्र में 6 महीने के भीतर रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की घोषणा की गई थी। परंतु 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। विभिन्न विभागों में रिक्तियां उपलब्ध होने के बाद भी सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कोई प्रयास करती नहीं दिख रही है। उपनल के द्वारा आउटसोर्सिंग के तहत विभिन्न विभागों में आजा कार्यरत लगभग 21हजार से अधिक युवा अपने भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। आगामी बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी प्रदेश में बढ़ती महंगाई तथा बेरोजगारी की विकराल समस्याओं पर सरकार की विफलता पर जनता की आवाज बनकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी भाजपा सरकार से उनके घोषणा पत्र में किए गए खोखले वादों का हिसाब किताब मांगेगी।