सावधान, सांपों की यह प्रजातियां हैं बहुत खतरनाक, Some Important facts

✒️ Snake species and interesting information सांप का नाम सुनते ही दिल में एक सिहरन सी दौड़ पड़ती है। आम तौर पर लोग सांप से…

✒️ Snake species and interesting information

सांप का नाम सुनते ही दिल में एक सिहरन सी दौड़ पड़ती है। आम तौर पर लोग सांप से काफी डरते हैं और यह मानते हैं कि हर सांप काटने के बाद इंसान की जान ले सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। सच्चाई तो यह है कि भारत में पाई जाने वाली कुल 267 और यदि उप प्रजातियों को भी जोड़ दें तो 320 प्रजातियां हैं। इनमें से काफी प्रजातियों में घातक जहर नहीं होता, यानि अधिकांश सर्प इंसानों की जान नहीं ले सकते हैं।

देश से इतर यदि हम उत्तराखंड राज्य की बात करें तो यहां सांपों की कुल 37 प्रजातियां ही देखी गई हैं। इनमें से करीब 06 प्रजातियां ऐसी हैं, जिनका जहर बेहद घातक होता है। उत्तराखंड में सर्पदंश से होने वाली मौतों में यही विशेष सांप जिम्मेदार रहते हैं।

✒️ बरसात का मौसम रहता है बहुत संवेदनशील

आपको बता दें कि इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है। बरसात के बाद जब धूप खिलती है तो सांप अकसर अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं। आम तौर पर सांप किसी को बिना कारण नहीं डसते हैं, लेकिन यदि किसी का पैर गलती से उन पर पड़ जाये अथवा सांप आपको खतरा मानने लगे तभी वह अपने बचाव में हमला बोल दिया करते हैं। Dr. Abhijit Das (Senior Herpetologist, Wildlife Institute of India) के अनुसार बारिश के दौरान जब बिलों में पानी भर जाता है तो सांप बाहर सूखे स्थानों की ओर मूव करते हैं। अकसर इसी दौरान अधिकांश इंसान स्नेक बाइट के शिकार हो जाया करते हैं। उनका कहना है कि उत्तराखंड में कोबरा, द किंग कोबरा, इंडियन करैत, रसेल वाइपर, ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक आदि सांप बहुत खतरनाक होते हैं। बाकी प्रजातियों से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है।

जानिये उत्तराखंड की सबसे जहरीले सांपों के बारे में –

🐍 इंडियन क्रैट (Indian krait) : यह उत्तराखंड ही नहीं, भारत के सबसे जहरीले सांपों में शामिल है। जीव वैज्ञानिक बताते हैं कि इंडियन क्रैट अपनी सिंगल बाइट में 60 लोगों की जान एक साथ ले सकता है। इस सांप की भी 12 प्रजातियां व 05 उप प्रजातियां देखी गई हैं।

🐍 रसेल वाइपर (Russell Viper) : इंडियन क्रैट के बाद इसका नाम दूसरे नंबर में शामिल है। यह भूरे रंग का होता है और इसके शरीर में काले रंग के गोल धब्बे दिखाई देते हैं। यह स्वभाव से बहुत गुस्से वाला होता है और बहुत तेज गति से हमला करता है।

🐍 करैत (Krait snake) : सर्प की यह प्रजाति पतली और काले रंग की है। इसकी चमड़ी पर सफेद रंग की धारी होती है। यह भी बहुत जहरीला होता है।

🐍 स्केल्ड वाइपर (Scaled viper) : हालांकि लंबाई में यह अन्य सांपों से छोटा होता है पर इसकी फुर्ती और आक्राम स्वभाव के चलते यह बहुत खतरनाक हैं। इसका जहर आसानी से इंसान की जान ले सकता है।

🐍 किंग कोबरा (King Cobra) : यह भारत ही नहीं बल्कि दुनियां में अजगर के बाद सबसे लंबा और जहरीला सर्प है। इसके द्वारा काटे जाने पर नर्वस सिस्टम पर गहरा असर होता है। यह दूर से ही जहर अपने शिकार पर थूक तक देता है। इनकी लंबाई 13 से 15 फुट तक नापी गई है। हालांकि इसका जहर खतरनाक है, लेकिन शोधों में पाया गया है कि यह इंसानों पर हमला करने से अकसर बचने का प्रयास करते हैं। यही कारण है कि हंदू धर्म में इसे पूजा भी जाता है तथा इसे लोग भगवान शिव से जोड़कर देखते हैं।

🐍 कोबरा (Cobra) – यह किंग कोबरा से मिलता-जुलता जरूर है, लेकिन कई मायनों में किंग कोबरा से अलग होता है। इसे भी लोग किंग कोबरा की तरह नाग नाम से जानते हैं। इसके फन पर चश्मे जैसा निशान होता है, जिसकी वजह से यह तुरंत पहचाना जाता है। वयस्क नाग की लंबाई 1 मीटर से 1.5 मीटर (3.3 से 4.9 फीट) तक हो सकती है। इसके पास भी घातक जहर होता है और यदि यह किसी को काट ले तो उसे आंखों के आगे अंधेरा छाना, सांस लेने में दिक्कत और नींद आना जैसे लक्षणों से गुजरना पड़ता है। अगर समय पर डॉक्टरी मदद नहीं मिले तो जान भी जा सकती है।

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प्रतीक चित्र

सांपों के बारे में यह भी जानिये –

🐍 अकसर फिल्मों में दिखाया जाता है कि सांप बीन की धुन पर नाचते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता। दरअसल, सांपों के कान ही नहीं होते इसलिए वह बीन की धुन नहीं सुन सकते हैं। वह बीन की मूवमेंट को देखते हुए हिलते-डुलते हैं।

🐍 लोगों का मानना है कि सांप भी दूध पीते हैं। बकायदा हिंदू धर्म में लोग नाग को दूध देत हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि सांपों में स्तन ग्रंथि नहीं होती और उसके पास दूध को पचाने वाली पाचन कोशिकाएं नहीं हैं। अतएव सांप दूध नहीं पी सकता।

सांपों से बचाव के कुछ तरीके –

🐍 बरसात के दिनों में विशेष सावधानी बरतें। यदि रात को बाहर निकलें तो ध्यान रखें कि आपके पास टार्च या कोई अन्य प्रकाश का साधन होना चाहिए।

🐍 अकसर लोग रसोई घर में जो खाना बच जाता है। उसे घर के आंगन या आस-पास डाल देते हैं। बचे हुए भोजन को खाने चूहे, मेढ़क आदि आते हैं और अपने शिकार को खाने के लिए अकसर सांप भी आ जाया करते हैं।

🐍 घर में रोजाना सफाई करें और भारी सामान को सावधानी से हटाते भी रहें। सांप के रहने लायक कोई आश्रय घर में नहीं रहने दें। अकसर सांप अलमारी, भारी टेबल, चारपाई आदि के पीछे छुप जाया करते हैं।

🐍 देखा गया है कि सांप कई बार कार, दोपहिया वाहनों आदि में घुस जाया करते हैं। अतएव जब भी वाहन स्टार्ट करें तो एक बार अच्छी तरह से जांच लें। जल्दबाजी नहीं दिखायें।

🐍 कई लोग बिस्तर दीवार से सटाकर लगाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। अकसर दीवार के रास्ते कीड़े-मकोड़े और सांप तक चारपाई पर चढ़ जाते हैं।

🐍 यदि कभी आपका सामना सांप से हो जाये तो पहले तो उसका रास्ता नहीं रोकें। सांप को इंसानों के साथ रहने की आदत नहीं है, वह खुद चला जायेगा, लेकिन यदि सांप घर के भीतर कहीं छुप गया है तो स्वयं निपटने की बजाए तत्काल वन विभाग को सूचित करें।

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