ब्रेकिंग न्यूज : लॉक डाउन पीरियड का शराब ठेकेदारों को हुआ करोड़ों का नुकसान उठाएगी सरकार, पंचायती राज को मिले 575, शहरी निकायों के हाथ आए 278 करोड़

देहरादून । उत्तराखंड की त्रिवेंद्र केबिनेट की बैठक समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई इस बैइक में 14 निर्णयों…


देहरादून । उत्तराखंड की त्रिवेंद्र केबिनेट की बैठक समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई इस बैइक में 14 निर्णयों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 से सम्बन्धित बाॅर्डर पर क्वारेंटाइन किए जाने सम्बन्धी उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में होने वाले व्यवस्थागत, संस्थागत समस्या की जानकारी न्यायालय को दी जाएगी। इस संबध में निर्णय लिया गया है कि उच्च न्यायालय को उनके आदेश के क्रम में पैदा होने वाली समस्याओं से अवगत कराया जाए।
15वें राज्य वित्त आयोग के अनुदान धनराशि का निकायों में वितरण के अनुपात में अब परिवर्तन कर दिया गया है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में 35ः30ः35 के स्थान पर क्रमशः 75ः10ः15 का अनुपात माना जाएगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि कुल 852 करोड़ रूपए की धनराशि में से 575 करोड़ रूपए पंचायती राज एवं 278 करोड़ शहरी निकाय को दिया जाएगा।
इसके अलावा कैबिनेट ने उत्तराखंड जोत चकबन्दी नियमावली 2020 को मंजूरी दी गयी। इसके अन्तर्गत नाम, परिभाषा, नोटिस भेजना, अधिसूचना जारी करना आदि कामों को स्पष्ट किया गया है।
पेयजल संस्थान के प्रबन्ध निदेशक पद की चयन प्रक्रिया में वार्षिक प्रविष्टि के लिए समयसीमा 8 वर्ष की जगह 5 वर्ष कर दी गई है।
कौशिक ने बताया कि मदिरा की दुकानों के बन्द रहने की अवधि में फुटकर अनुज्ञापियों के पिछले वित्त वर्ष मार्च माह में 10 दिन के नुकसान 34 करोड़ एवं 1 अप्रैल से 3 मई के बीच 195 करोड़ रूपए का भार सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना लागू की गयी। इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार के बीच फण्ड के गैप की भरपाई राज्य सरकार करेगी। बीज क्रय हेतु अन्य निगमों के अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर, टिहरी भरसार विश्वविद्यालय एवं आईसीएआर के लिए अनुमति दी गयी। इसके अलावा राज्य वन्यजीव अवैध शिकार अपराध रोकथाम के लिए 14 पदों का सृजन किया गया। यह पद विभागीय पद होंगे। कौशिक के अनुसार मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के लिए बिना अवकाश 5 वर्ष की अनुपस्थिति पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग में लोक सेवा आयोग के माध्यम से सूचना अधिकारी के पद पर हिन्दी विषय की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
एक अन्य निर्णय के अनुसार सार्वजनिक वाहन व्यवसायियों के परमिट नवीनीकरण की फीस के छूट के अन्तर्गत 14 करोड़ 23 लाख की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। यही नहीं रोड टैक्स में 3 माह की छूट के पश्चात 63 करोड़ 28 लाख रूपए की भरपाई राज्य सरकार करेगी।
सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय शिक्षा अभियान के एकीकरण के बाद समग्र शिक्षा अभियान चलेगा। जहां पहले कुल 2677 पद थे। अब पदों की संख्या 1959 हो जाएगी।
पर्यटन विभाग के अन्तर्गत होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा को संरक्षण देने के लिए पानी पर लिए जाने वाले बिल जल मूल्य कर वृद्धि को 15 प्रतिशत को 9 प्रतिशत लिया जाएगा। इससे 1 करोड़ 87 लाख का व्यय भार राज्य सरकार पर आएगा।
एक अन्य निर्ण के अनुसार श्रम सुधार के अन्तर्गत उद्योगों द्वारा श्रमिकों को दिया जाने वाला मार्च माह का बोनस जो नवम्बर 2020 में देना था, अब इसे 31 मार्च 2021 तक दिया जा सकता है। जो उद्योग फायदे में होंगे उन्हें 8.33 प्रतिशत बोनस देना होगा।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के लिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह एवं मदन कौशिक की समिति बनायी गयी।
पर्यटन औद्योगिक ईकाइयों में कार्यरत् आटो रिक्शा चालक इत्यादि को एकमुश्त एक हजार रूपए खाते में दिए जाएगें। इससे 25 करोड़ का अधिभार राज्य सरकार पर पड़ेगा।वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, दीनदयाल होम-स्टे योजना में अपै्रल से जून तक ऋण ब्याज पर छूट दी गयी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति की अवधि को एक वर्ष का विस्तार दिया गया जिस पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
आबकारी होटल, रेस्टोरेंट बार शुल्क में 3 माह की छूट दी गयी। इनके नवीनीकरण, पंजीकरण शुल्क में 1 वर्ष की छूट दी गयी।

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