Poor father’s children qualified UGC NET
No coaching only online studies and help of youtube
यहां एक गरीब व दलित परिवार से संबद्ध भाई—बहन ने बिना किसी कोचिंग के महज YouTube व Online माध्यम से रात—दिन मेहनत से संयुक्त पढ़ाई कर यूजीसी नेट क्वालीफाई कर लिया है। निश्चित रूप से इन भाई—बहन का अथक श्रम व संघर्ष न केवल एक मिसाल है, बल्कि मौजूदा युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है।
कहा गया है कि अगर किसी के दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो एक न एक दिन लक्ष्य पूरा हो ही जाता है। यह भी जरूरी नहीं कि केवल तमाम सुख—सुविधाएं मिलने पर छात्र—छात्राएं टॉपर बनते हैं अथवा कोई उल्लेखनीय मुकाम हासिल कर पाते हैं। अकसर देखा गया है कि विपरीत परिस्थितियां इंसान को और निखार देती हैं। जिसकी बानगी गरीबी में पले—बढ़े दो भाई—बहन के संघर्ष की कहानी है, जो कि विद्यार्थी वर्ग के लिए प्रेरणा भी है।
The story of struggle : Brother and Sister who grew up in poverty
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के जनपद सागर अंतर्गत एक छोटे से कस्बे खुरई के जगजीवन राम वार्ड निवासी पुष्पेंद्र कुमार अहिरवार तथा उसकी बहन भारती अहिरवार ने यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इन बच्चों के पिता काशीराम अहिरवार एक sanitary shop का संचालन करते हैं और काफी कठिन परिस्थितियों ने उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया—लिखाया है। पुष्पेंद्र ने मैनेजमेंट विषय में तथा भारती ने योग विषय से नेट Qualify किया है। दोनों ने नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की तथा वर्तमान में पुष्पेंद्र सागर विश्वविद्यालय Dr. Harisingh Gour University, Sagar के डिपार्टमेंट आफ कामर्स से रिचर्स स्कालरशिप कर रहे हैं, जबकि उनकी बहन भारती इसी विश्वविद्यालय से योग विषय से MSc कर रही है।
इन होनहार भाई—बहन का जीवन काफी संघर्ष में बीता है। इनके पिता काशीराम अहिरवार पहले गाड़ियों में पंचर लगाने का काम किया करते थे, जबकि अब उनकी सेनेटरी की दुकान है। पुष्पेंद्र और भारती के समक्ष दिक्कत यह थी अपनी पढ़ाई के लिए वह किसी महंगे संस्थान से कोचिंग नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने तय किया कि वह साथ बैठकर नेट परीक्षा की तैयारी करेंगे। इसके लिए उन्होंने इंटरनेट को खंगालना शुरू किया। जहां से कुछ आनलाइन फ्री स्टडी मेटेरियल प्राप्त किये। साथ ही यू ट्यूब में भी नि:शुल्क शिक्षण का लाभ उठाया। काफी लग्न से पढ़ाई करने के उपरांत आखिरकार उन्होंने यूजीसी नेट क्वालीफाइ कर लिया। इन होनहार बच्चों की इस उपलब्धि पर तमाम लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।