Big Breaking : खाई में गिरने से बाल—बाल बचा कैंटर, पर चालक को आ गया मौत का बुलावा, यदि पहनी होती सीट बेल्ट तो बच जाती जान !

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाकहते हैं कि मौत किसी भी बहाने से चली आती है। कभी भीषण हादसे में एक खरोंच तक नही आती, ज​बकि एक मामूली…


सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
कहते हैं कि मौत किसी भी बहाने से चली आती है। कभी भीषण हादसे में एक खरोंच तक नही आती, ज​बकि एक मामूली दुर्घटना में इंसान इस दुनिया से चल देता है। ऐसा ही एक हादसा दन्या में हुआ है। जहां एक कैंटर सड़क से निचले सड़क मार्ग पर जा पहुंचा और खाई के बेहद नजदीक अटक गया। कैंटर का एक हिस्सा खाई की ओर, जबकि आधे से अधिक सड़क पर था। इस दुर्घटना में दु:खद पहलू यह था कि हालांकि कैंटर खाई में गिरने से तो बच गया, लेकिन चालक तेज झटका आने पर छिटक कर गहरी खाई में जा गिरा और उसकी मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार कैंटर संख्या 05 सीए 1562 लेकर चालक कुंवर राम पुत्र शेर राम निवासी डिडीहाट पिथौरागढ़ से खड़िया लेकर हल्द्वानी को जा रहा था। दन्या मार्ग पर आटी बैंड के पास अचानक कैंटर अनियंत्रित होकर उपर वाली सड़क से निचली सड़क पर जा गिरा। इस दौरान लगे तीव्र झटके के कारण कैंटर चालक कैंटर से बाहर छिटक गया और सीधे खाई में जा गिरा। जिस कारण उसकी मौत हो गई। सुबह 5 बजकर 9 मिनट पर इस हादसे की सूचना पुलिस को मिली। इसके बाद थाना प्रभारी संतोष देवरानी, दरोगा इंदर ढेला, हेड कानि बालकृष्ण, कुंदन लाल, बसंत गोस्वामी, ललित आदि स्थानीय नागरिकों की मदद से चालक को खाई से निकाल सड़क तक लाया गया तथा उसे निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र धौलादेवी ले गये। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कैंटर खाई में गिरने से बाल—बाल बच है और वह आधा खाई व आधा सड़क पर है। यदि चालक छिटक कर बाहर नही गिरता तो इस तरह उसकी जान नही जाती। सम्भवत: कैंटर चालक ने सीट बैल्ट नही पहनी हुई थी। यह हादसा एक सबक है कि सीट बेल्ट या हेल्मेट पहनना चालान से बचने के लिए, बल्कि अपने खुद की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है।

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