अल्मोड़ा: चाइल्ड हेल्प लाइन का एसएसबी में सेंसटाइजिंग प्रोग्राम, चाइल्ड और ह्यूमन ट्रैफिकिंग की विस्तृत जानकारी दी

अल्मोड़ा। वैश्विक महामारी कोविड-19 के विरुद्ध चाइल्ड हेल्पलाइन के सब सेंटर सल्ट का जन अभियान विकासखंड सल्ट के विभिन्न गांवों में गत तीन माहों से…


अल्मोड़ा। वैश्विक महामारी कोविड-19 के विरुद्ध चाइल्ड हेल्पलाइन के सब सेंटर सल्ट का जन अभियान विकासखंड सल्ट के विभिन्न गांवों में गत तीन माहों से लगातार चल रहा है। इसी क्रम में शनिवार को चाइल्ड हेल्पलाइन सल्ट ने एसएसबी के सेक्टर हेड क्वार्टर एनटीडी अल्मोड़ा में ह्यूमन व चाइल्ड ट्रैफिकिंग विषय पर एक दिनी सेंसटाइजिंग प्रोग्राम आयोजित किया।
कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी अनुज थपलियाल, एडीआईजी शैलेंद्र कुमार पांडे व असिस्टेंट कमांडेंट सागर जोशी भी शामिल हुए। कार्यक्रम में चाइल्ड लाइन सल्ट के निदेशक दीप चंद्र बिष्ट ने स्वागत भाषण में चाइल्ड हेल्पलाइन की उपयोगिता व गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। विशेष रूप रिसोर्स पर्सन आशा डिसूजा ने पावर पॉइंट के माध्यम से चाइल्ड ट्रैफिकिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ के लिए ह्यूमन को जबरन काम पर लगाकर शोषण करना, महिलाओं व बच्चों को सेक्स ट्रेड में धकेलना आदि ह्यूमन ट्रैफिकिंग है और यूनाइटेड नेशन के अनुसार दुनिया के करीब हर देश की समस्या होती जा रही है। आशा डिसूजा ने अपने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन में मिले अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि यूएन के अनुसार ह्यूमन ट्रैफिकिंग दुनिया के लगभग सभी देशों में प्रचलित है। अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए कई कानून बने हैं। उन्होंने संबंधित कानूनों की जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि रिसोर्स पर्सन आशा डिसूजा 20 वर्षों से भारत, फिलीपींस व कंबोडिया आदि देशों में कार्य करती रही हैं और उन्होंने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन जैसे संस्था में कार्य किया है
कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी अनुज थपलियाल ने बताया कि बॉर्डर एरिया में ट्रैफिकर्स को पहचान पाना बहुत मुश्किल है। ट्रैफिकर्स कई बहानों से सीमा पार करने की कोशिश करते हैं। इनमें अधिकतर बच्चे व महिलाएं होती हैं। एडीआईजी शैलेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि वह कई स्थानों पर कई ट्रैफिकर्स नए-नए बहाने लेकर बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश करते हैं। असिस्टेंट कमांडेंट सागर जोशी ने भी अपने अनुभव को साझा किए। कार्यक्रम में एसएसबी के करीब 50 से अधिक अधिकारी व जवान उपस्थित थे। इनके अलावा चाइल्ड हेल्पलाइन सब सेंटर सल्ट टीम की अनीता लोहानी, कैलाश रौतेला, बंशीधर पांडे व शांति उप्रेती आदि उपस्थित थे।

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