देहरादून। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज अपना पांचवा बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 का यह बजट 57400.32 करोड़ रुपये का है। इससे पहले आज सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट रखी गई।
राज्य की विकास दर में वर्ष 2019-20 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार 4.30 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई, जबकि वर्ष 2018-19 में इसमें 5.77 प्रतिशत वृद्धि रहने का संशोधित अनुमान है। वर्ष 2018-19 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार प्रचलित भावों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2,36,768 करोड़ आंकलित किया गया है। जिसकी तुलना में वर्ष 2019-20 में यह 2,53,666 करोड़ रहने का अनुमान है। स्थिर भावों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद (अनन्तिम) वर्ष 2018 -19 में 1,91,484 करोड़ आंका गया जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 1,99,718 करोड़ अनुमानित हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.30% की वृद्धि दर्शाता है।
इससे पूर्व बजट सत्र के चौथे दिन सदन में बेरोजगारी का मुद्दा गूंजा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों की वजह से बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नौकरियों के साथ साथ लाखों की संख्या में स्वरोजगार के अवसर सृजित किए हैं। सरकार के जवाब का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायकों ने विरोध स्वरूप सांकेतिक बॉयकाट कर दिया। शून्यकाल में कांग्रेस ने नियम-58 के तहत बेरोजगारी का मुद़्दा उठाते हुए सरकार से सदन की पूरी कार्यवाही स्थगित करते हुए चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी देश में सबसे ज्यादा हो चुकी है। कुछ उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जनऔषधी केंद्र, मंडी परिषद से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटा दिया। हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक दल के उपनेता करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने भी बेरोजगारी को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी को खत्म करने के लिए कतई गंभीर नहीं है। सरकार की नीतियों के कारण रोजगार मिल तो नहीं ही रहा है, बल्कि लोगों की नौकरियां छिन रही हैं। जसपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि कोरेाना काल में लोगों की नौकरियां चली गई हैं। छोटे-मझोले स्कूल कर्मचारी इससे प्रभावित हुए है।
सरकार ने विद्यामंदिर के स्कूलों को पांच-पांच रूपये की सहायता दी। लेकिन बाकी स्कूलों को छोड़ृ दिया। सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बेरोजगारी पर विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। कहा कि सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर नियमित रूप से भर्तियां कर रही है। इससे बढ़कर यह कि सरकार ने लोगों को नौकरी के साथ ही स्वरोजगार की ओर प्रेरित किया है। सात लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। मनरेगा के जरिए छह लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।
विद्यामंदिर स्कूलों को आर्थिक सहायता के आरोप को भी उन्होंने खारिज किया। कहा कि राज्य सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड के रूप में आगे बढ़ रही है। संसदीय कार्यमंत्री के जवाब पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जाहिर की। सरकार पर गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाते हुए सदन का बॉयकाट कर बाहर चले गए। सरकार के जवाब के आधार पर विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव को खारिज मद कर दिया।