रानीखेत में प्रथम बार टूटी सदियों पुरानी परम्परा, पुत्री ने दी मृत पिता की देह को मुखाग्नि

रानीखेत से गोपालनाथ गोस्वामी की रिपोर्टधार्मिक मान्यताओं की यदि बात की जाये तो हिंदुओं से उदार धर्म कोई नही है, जहां यदि सामाजिक बदलाव की…


रानीखेत से गोपालनाथ गोस्वामी की रिपोर्ट
धार्मिक मान्यताओं की यदि बात की जाये तो हिंदुओं से उदार धर्म कोई नही है, जहां यदि सामाजिक बदलाव की कोई मुहिम शुरू होती है तो उसका खुले मन से स्व धर्मी ही स्वागत करते हैं। इन्हीं उदाहरणों में से एक है कि अब अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में ना केवल महिलाएं व युवतियां जाने लगी हैं, बल्कि लड़कियों द्वारा पिता की मौत पर उन्हें मुखाग्नि देना भी आम परम्परा बन चुकी है। ऐसा ही एक उदाहरण आज रानीखेत में देखने को आया, जहां पिता की मौत के बाद पुत्री ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर हिंदुत्व की उदारता को प्रतिस्थापित किया। जानकारी के अनुसार विगत कुछ दिन पूर्व से रानीखेत के प्रतिष्ठित व्यापारी बिंदु बुदलाकोटि, जिन्हें बरेली इलाज के लिए ले जाय गया था। वहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। आज शुक्रवार को जरूरी बाजार के निवासी बिंदु बुललाकोटि का अंतिम संस्कार मुक्ति धाम रानीखेत में किया गया। जिसमे पिता को उनकी छोटी पुत्री द्वारा मुखाग्नि देकर समाज में नई मिसाल कायम की। अंतिम यात्रा में रानीखेत सभी समाजिक कार्यकर्ता तथा व्यापारियों का हुजूम उमड़ पड़ा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *