हल्द्वानी न्यूज : ऐक्टू का हल्द्वानी नगर सम्मेलन सम्पन्न, जोगेंद्र अध्य्क्ष व ललितेश नगर सचिव चुने गए

हल्द्वानी । लेबरकोड वापस लेने की मुख्य मांग के साथ आल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस-एक्टू ने अपना पहला हल्द्वानी नगर सम्मेलन सम्पन्न किया।…


हल्द्वानी । लेबरकोड वापस लेने की मुख्य मांग के साथ आल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस-एक्टू ने अपना पहला हल्द्वानी नगर सम्मेलन सम्पन्न किया। बुधपार्क में हुए मजदूर यूनियन एक्टू के सम्मेलन में 15 प्रस्ताव पारित किए गए।
सम्मेलन से मजदूर नेताओ ने पंद्रह सदस्यीय एक्टू नगर कमेटी का निर्वाचन किया। जिसमें जोगेंद्र लाल अध्यक्ष व ललतेश प्रसाद नगर सचिव चुने गए। इसके अतिरिक्त हरीश रौतेला व रीना बाला को उपाध्यक्ष तथा मनोज आर्य प्रचार सचिव चुना गया।
सम्मेलन में पारित किए प्रस्तावों कहा गया है कि दिल्ली किसानों की मोर्चा बंदी आंदोलन देश की रोजी रोटी बचाने का महान संघर्ष है। 1857 के प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम के 164 वर्ष बाद किसानों ने भारत के राजनीतिक केंद्र दिल्ली को घेर लिया है। यह आज़ादी की पहली लड़ाई की विरासत को आगे बढ़ा रहा है। अंग्रेजी राज के तर्ज पर नए कंपनी राज, जो अम्बानी अडानी जैसे बड़े पूँजीवादी कारपोरेट घरानों के लिये किसान व आम आवाम को बर्बाद करने वाले कानून बनाने वाली मोदी सरकार के खिलाफ देश की खेती रोजी रोटी बचाने के व देश को कारपोरेट गिरोह के फासीवाद को रोकने हेतु यह आंदोलन टक्कर दे रहा है।
एक्तू ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है और सरकार से किसानों की मांग माने जाने की मांग की है। एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि मजदूरों के लेबर कानूनों को खत्म कर 4 लेबरकोड कानून बनाये गए हैं। जो कि मजदूरों की यूनियन , सुरक्षा, सेफ्टी और आजाद अधिकारों को अतीत की चीज घोषित करते है। मोदी सरकार इन लेबर कोडों से पूंजीपतियों को मजदूरों का मनमर्जी शोषण की आजादी देते हैं और मजदूरों को गुलामी में धकेल देते हैं।
सम्मेलन मांग करता है कि लेबरकोड वापसी हों और लेबर कानून बहाल हों।
नगर सम्मेलन मोदी सरकार को इसके लिये कभी भी माफ न करने का संकल्प लिया और अपने अधिकारों की बहाली के लिये संघर्ष का संकल्प लिया।एक्टू नगर सम्मेलन आईफोन कम्पनी बैंगलोर के जेल में बंद 150 मजदूरों की अविलंब रिहाई व सभी मामले वापसी की मांग की गई है।
केंद्र व राज्य सरकार से मांग जी गई है कि वर्किंग ऑवर 6 घण्टे किये जायें।और न्यूनतम मजदूरी 1000 रुपये प्रतिदिन 31 हजार मासिक से किया जाय।12 घंटे के वर्किंग ओवर को नियमावली में शामिल न किया जाय।
इसके अलावा प्रत्येक बेरोजगार को दस हजार रुपये मासिक भत्ता सरकार से देने की मांग करता है। हर पेंशनर को न्यूनतम 12 हजार पेंशन दी जाये।
एक्टू नगर सम्मेलन नगर निगम व सरकार से मांग करता है कि शहर में सस्ते आवास मजदूरों को फ़्री में मालिकाना दिए जाएं
यही नहीं चमोली आपदा में मारे गए सभी मजदूरों के परिवारों को राज्य सरकार द्वारा नाममात्र का 4 लाख का मुआवजा घोषित किया गया है, जो कि असंवेदनशील है। सरकार से एक्टू सम्मेलन मांग करता है कि सभी मृतक व लापता लोगों के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए एवं बेरोजगार हो गए सभी मजदूरों को तत्काल सरकारी नौकरी दी जाय।
अगले प्रस्ताव में आशा वर्कर्स के लिये 18 हजार न्यूनतम वेतन की मुख्यमंत्री की घोषणा का पालन करने की मांग की गई
इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में कार्य कर रही दाइयों को 500 रुपये मासिक की जगह न्यूनतम वेतन देने की मांग की गई है।
इसके अलावा भोजनमाता को स्कूलों से हटाने पर रोक लगाने और उन्हें न्यूनतम वेतन का लाभ देने, सभी कामगारों को आवश्यक तौर पर ईपीएफ व ई इस आई के दायरे में लाया जाए , इसमें वेतन व अधिसूचित प्रतिष्ठान की बाधा / सीलिंग को हटाये जाने,पुरानी पेंशन योजना (OPS) से सभी नियमित, ठेका, मानदेय, पारिश्रमिक आधारित श्रमिकों को आच्छादित करने, बीएसएनएल के केस जीत कर आये ठेका श्रमिकों को तत्काल नियमित करने, सभी प्रतिष्ठानों में न्यूनतम 80 प्रतिशत स्थायी नियुक्ति का कानून बनाने और 22-23 फरवरी को होने वाले उपनल कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्हें नियमित करने की मांग की गई है।
इसके अतिरिक्त नगर सम्मेलन ने अपनी आगामी योजनाओं के बारे में भी प्रस्ताव पारित किये। सम्मेलन में 14-15 मार्च की बैंक हड़ताल में शामिल होने व 1 मार्च की रुद्रपुर की किसान पंचायत में शामिल होने का आवाहन किया गया।
कार्यक्रम में एक्टू प्रदेश महामंत्री के के बोरा, राष्ट्रीय वर्किग कमेटी सदस्य डॉ कैलाश पांडेय, ऐक्टू नैनीताल जिलाध्यक्ष कमला कुंजवाल, जोगेंद लाल , ललतेश प्रसाद, दीपक काण्डपाल, हीरा सिंह नेगी, प्रेम प्रकाश बिष्ट, रविन्द्र पाल, ललित मटियाली, रिंकी जोशी, रीना बाला, सरोज रावत, मुन्नी बिष्ट, फरहीन जहां, बची सिंह बिष्ट, सुनील ठाकुर, रजनीश कुमार, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, कैलाश राम, सोनू कुमार सिंह, गिरीश खत्री, उर्वा दत्त मिश्रा, पंकज दुर्गापाल, कमल कुमार त्रिपाठी, धन सिंह, विवेक ठाकुर, ललित जोशी, शंकरन सामंत, नवजोत सिंह परिहार, मनोज सिंह आर्य, रविन्द्र पाल सिंह, ज्योति शर्मा,नीमा देवी, हरीश सिंह, रमेश शर्मा, देवेन्द्र रौतेला, संदीप पाण्डेय, विनोद यादव, रजनी, आनंदी देवी, दीपा आर्य,तबस्सुम, मंजू रावत आदि शामिल रहे।

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