Uttarakhand : आवारा कुत्तों के हमले में बुजुर्ग महिला की मौत, बेटी घायल

सीएनई रिपोर्टर, यूएस नगर उधम सिंह नगर जनपद से एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां अपनी बेटी से मिलने आई बुजुर्ग महिला की आवारा कुत्तों…

सीएनई रिपोर्टर, यूएस नगर

उधम सिंह नगर जनपद से एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां अपनी बेटी से मिलने आई बुजुर्ग महिला की आवारा कुत्तों के हमले में मौत हो गई है। उसको बचाने आई बेटी को भी कुत्तों ने काट कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला नानकमत्ता थाना क्षेत्र के आमखेड़ा गांव का है। बताया जा रहा है कि नानकमत्ता के ग्राम धूमखेड़ा निवासी तारो कौर 70 साल करीब 15 रोज पूर्व बेटी सुनीता कौर के घर आयी थी। उनका पंथरतन अस्पताल में उपचार चल रहा है। बलखेड़ा के पूर्व प्रधान महताब सिंह के मुताबिक 12 अप्रैल को कमरे के बाहर ही वृद्धा की बेटी सुनीता ने एक मादा कुत्ते को बांधा हुआ था। रात को आवारा कुत्ते उनके द्वारा बांधे गये मादा कुत्ते पर झपटने लगे। बुजुर्ग तारो कौर ने जब उसे बचाने का प्रयास किया, तभी कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। वृद्धा द्वारा चीखने पर उनकी बेटी सुनीता कौर उन्हें बचाने पहुंची, लेकिन कुत्तों के झुंड ने उन पर भी हमला कर दिया, जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गई।

महताब सिंह ने बताया कि कुत्तों ने तारो कौर को जगह—जगह काटा लिया था। इस दौरान वह जमीन पर गिर गई थी, जिससे उनके सिर पर गहरी चोट लगी थी। मां—बेटी के चीखने की आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आवारा कुत्तों को वहां से भगाया। जिसके बाद दोनों घायलों को नानकमत्ता के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तारो कौर को मृत घोषित कर दिया और सुनीता कौर को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। घायल सुनीता कौर बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका उपचार चल रहा है।

परिजनों की यह गलती पड़ी बहुत महंगी

दरअसल, इस पूरे मामले में चौंकाने वाला ​खुलासा यह हुआ है कि सुनीता कौर ने अपने मानसिक अस्वस्थ पति के कहने पर एक आवारा मादा कुत्ते को घर पर रख लिया था। घटना वाले रोज उन्होंने गेट पर उसी मादा कुत्ते को बांध दिया था। इस कुत्ते पर तमाम आवारा कुत्ते झपट रहे थे, जिस कारण बीच—बचाव में यह सब हो गया। सुनीता कौर के देवर महताब सिंह ने बताया कि उनके भाई राज सिंह को ब्रेन हेमरेज हुआ था। इस कारण उनका मानसिक संतुलन ठीक नही रहता है। राज सिंह परिजनों से कभी कबूतर तो कभी खरगोश पालने के लिए कहते रहते हैं। उन्होंने ही आवारा मादा कुत्ते को घर में रखा था, जिसे वह रोटी खिलाते थे। घटना वाले दिन कुत्ते को उन्होंने गेट पर बंधवाया था। जिसे देखकर आवारा कुत्तों का झुंड आ गया। कुत्तों के झुंड से मादा कुत्ते को बचाने के लिये गयी तारो कौर पर हिंसक कुत्तों ने हमला कर दिया, जिससे उनकी जान चली गई।

क्या कहते हैं पशु विशेषज्ञ !

पशु विशेषज्ञों के अनुसार mating period के दौरान काफी हिंसक हो जाया करते हैं। यदि घर पर मादा कुत्ता पाला गया है तो इस समय पर उसकी विशेष देखभाल की जरूरत भी पड़ती है। ऐसे समय में मादा कुत्ते को घर के बाहर नहीं बांधना चाहिए और न ही उसे ​बगैर सुरक्षा के छोड़ा जाना चाहिए। इस दौरान यदि कुत्तों के झुंड हमला बोल देते हैं तो उन्हें रोक पाना काफी कठिन होता है। कुत्तों के हमलों के पीछे कई बार लोगों की लापरवाही भी होती है।

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