रामनगर। ट्रेड यूनियन की आज हो रही राष्ट्रीय हड़ताल का समर्थन करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल किये जाने की मांग को लेकर कर्मचारी शिक्षकों ने काले फीते बांध अपने कार्यालयों विद्यालयों में काम काज किया। कार्मिकों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी डीपी को नई पेंशन स्कीम का विरोध करते हुए काला रखा। कर्मचारी शिक्षक अपने कार्यालय विद्यालय शुरू होने से पूर्व अपने अपने कार्यस्थल पर सार्वजनिक रूप से जमा हुए और काले फीते बांधे। इस मौके पर राजकीय इंटर कालेज जस्सागांजा में हुई बैठक को संबोधित करते हुए पुरानी पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष गिरीश मेंदोला ने नई पेंशन स्कीम की खामियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा मोदी सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ आज देश के 3 करोड़ मजदूर कर्मचारी शिक्षक हड़ताल में हैं। उनके समर्थन में पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर हमने भी अपने नेतृत्व के आह्वान पर काली पट्टी बांध कामकाज किया है।
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उन्होंने कहा वर्ष 2004 में बाजपेयी सरकार के समय प्रारंभ की गई नई पेंशन स्कीम किसी भी कर्मचारी शिक्षक के हित में नहीं है। इस पेंशन का इतना जबरदस्त दुष्परिणाम है पचास हजार रुपये मासिक वेतन वाले कर्मचारीयों को मात्र 3000 रुपये की पेंशन ही मिल रही है। मामला सिर्फ इतना ही नहीं है सरकार ने जिस प्रकार कर्मिकों की जीपीएफ का हजारों करोड़ रुपया शेयर मार्केट में लगा दिया है इससे स्थिति और भी बदतर हो गयी है। राजकीय इंटर कालेज ढेला में हुई बैठक को सम्बोधित करते हुए कर्मचारी शिक्षक संगठन के मण्डलीय अध्यक्ष नवेंदु मठपाल ने कहा मोदी सरकार भी जिस प्रकार निजीकरण की नीतियों को तेज करते हुए पचास बर्ष से ऊपर के कार्मिकों को जिस प्रकार जबरदस्ती रिटायरमेंट देने पर तुली है इससे स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। सरकारी पदों को समाप्त कर रोजगार के अवसरों को समाप्त किया जा रहा है। पेंशन बहाली मंच के कोषाध्यक्ष जावेद ने सभी से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा हमारी एकजुटता ही सरकार को पुरानी पेंशन देने को मजबूर कर सकती है। वक्ताओं ने कहा नई पेंशन योजना में जीपीएफ से निकासी की योजना नही है।
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अगर कार्मिक के साथ कोई दुर्घटना हो गयी तो कार्मिक के परिवार को नई पेंशन योजना में किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलेगा। नई पेंशन स्कीम में कार्मिक के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली समस्त धनराशि आयकर से भी मुक्त नहीं है अर्थात 40 फीसदी धनराशि कार्मिक को मिलेगी ही नहीं।
कार्मिक द्वारा जमा की गई धनराशि में भी भारी अनियमितता की खबरें लगातार आ रही हैं जिससे कर्मचारी शिक्षक और भी ज्यादा हतोत्साहित हो रहा है। वन विभाग, सिचाई, पी डब्लू बड़ी, एम पी इंटर कालेज, जीपीपी कन्यांइन्टर कालेज समेत सभी कार्यालयों विद्यालयों की सक्रिय भागीदारी रही।
इस मौके पर नवेन्दू मठपाल, कर्मचारी शिक्षक संघ मंडलीय अध्यक्ष गिरीश मेंदोला, ब्लॉक अध्यक्ष एनएमओपीएस, मनोज जोशी, सी पी खाती, उषा पवार, राजेश सरकार, पद्मा, घनश्याम रावत, जितेंद्र एरेरा, दीप्ति राणा, रंजीत कौर, शांति विष्ट, भावना बेरी, मेघा बिष्ट, मेवा लाल, गौरव शर्मा, हेम पांडे, के के फुलेरा, चंदन बिष्ट व मन्नू सुयाल मौजूद रहे।