EPFO कर्मचारियों को बड़ी राहत, अब आकस्मिक निधन पर आश्रित या नॉमिनी को मिलेगी दोगुनी रकम

नई दिल्‍ली। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने कर्मचारियों (EPFO Employees) और उनके आश्रितों को राहत देने वाला फैसला किया है। दरअसल, सेंट्रल बोर्ड ने ईपीएफओ…

नई दिल्‍ली। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने कर्मचारियों (EPFO Employees) और उनके आश्रितों को राहत देने वाला फैसला किया है। दरअसल, सेंट्रल बोर्ड ने ईपीएफओ कर्मियों के आकस्मिक निधन पर परिजनों को दी जाने वाली एक्‍स-ग्रेसिया डेथ रिलीफ फंड (Ex-gratia Death Relief Fund) की रकम दोगुनी कर दी है। इससे देशभर में संगठन के 30 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। फंड में की गई इस बढ़ोतरी को तत्‍काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। ईपीएफओ ने इसके लिए सभी कार्यालयों को सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

अब आश्रितों को कितना मिलेगा फंड?
सर्कुलर में स्‍पष्‍ट किया गया है कि इसमें कारोना वायरस से होने वाली मौत को शामिल नहीं किया गया है। साथ ही बताया है कि ईपीएफओ कर्मचारी की आकस्मिक मौत पर अब आश्रितों को 8 लाख रुपये मिलेंगे। इस फंड के तहत 2006 में सिर्फ 5000 रुपये ही आश्रित को दिए जाते थे। इसके बाद इसे 50 हजार से 4.20 लाख रुपये तक किया गया। अब यह भी तय हुआ है कि हर तीन साल में इसमें 10 फीसदी बढ़ोतरी की कोशिश की जाएगी। बता दें कि सदस्यों ने आकस्मिक निधन पर कम से कम 10 और अधिकतम 20 लाख रुपये की मांग की थी।

हर कर्मचारी को मिलेगी बराबर रकम
ईपीएफओ की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की नॉन-कोविड मौत यानि प्राकृतिक मौत होती है तो उसके परिवार को 8 लाख रुपये मिलेंगे। यह रकम बोर्ड के हर कर्मचारी के लिए एकसमान है। इस रकम के लिए वेल्‍फेयर फंड से इंतजाम किया गया है। यह रकम सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्‍नर, सेंट्रल स्‍टाफ वेल्‍फेयर कमेटी और एम्‍प्‍लॉईज प्रॉविडेंट फंड से मंजूरी लेकर बढ़ाई गई है। अगर सेंट्रल बोर्ड के किसी कर्मचारी की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है तो 28 अप्रैल 2020 का आदेश माना जाएगा।

कोरोना से हुई मौत तो क्‍या होगा?
हरियाणा में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के दायरे में आने वाले निजी क्षेत्र के किसी कर्मचारी की मृत्यु अगर कोरोना से होती है तो आश्रित परिवार को कोविड-19 राहत योजना के तहत हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके तहत बीमित कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी हिस्सा आश्रितों को हर महीने दिया जाएगा। मृतक की पत्‍नी को आजीवन या दूसरी शादी करने तक, बेटे को 25 साल का होने तक और बेटी को शादी होने तक यह लाभ दिया जाएगा। न्यूनतम राहत 1,800 रुपये प्रतिमाह होगी।

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