यूपी में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान, 58 सीटों पर 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे वोटर्स

लखनऊ। चुनाव आयोग ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिये 10 फरवरी गुरुवार को 11 जिलों की 58…

लखनऊ। चुनाव आयोग ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिये 10 फरवरी गुरुवार को 11 जिलों की 58 सीटों पर स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिये तैयारियां पूरी कर ली हैं।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बुधवार को मतदान की तैयारियों की जानकारी देते हुये बताया कि पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोग की पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी गयी हैं। इस चरण में 2.28 करोड़ मतदाता 73 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

इसके अलावा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के निगरानी तंत्र को सुचारु कर दिया है। इसके लिये लखनऊ में लोक भवन स्थित गृह विभाग में ‘नियंत्रण कक्ष’ की स्थापना की गयी है। सभी सात चरण की निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय रह कर निगरानी प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखेगा। नियंत्रण कक्ष में कोई भी व्यक्ति टेलीफोन, ई-मेल और फैक्स के माध्यम से कभी भी शिकायत कर सकेगा। इस पर तत्काल समुचित कार्यवाही भी सुनिश्चित की जायेगी।

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सुरक्षा इंतजामों के तहत मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है। संवेदनशील इलाकों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च किया जा रहा है जिससे मतदान के दिन मतदाता बेखौफ होकर मतदान कर सकें।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि गुरुवार को 58 सीटों के 241 पुलिस थाना क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके लिये 10,833 मतदान केन्द्रों के 25,880 मतदान स्थलों पर मतदान के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।

इस दौरान संवेदनशील विधान सभा क्षेत्रों के रूप में खैरागढ़, फतेहाबाद, आगरा दक्षिण, बाह, छाता, मथुरा, सरधना, मेरठ शहर, छपरौली, बड़ौत, बागपत व कैराना को चिन्हित किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से इन विधानसभा क्षेत्रों के 5535 मतदान स्थलों काे अति संवेदनशील की श्रेणी में रखते हुये सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किये गये हैं।

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उन्होंने बताया कि पहले चरण वाली सीटों पर महिला चुनावकर्मियों द्वारा संचालित 138 पिंक बूथ पर 261 महिला पुलिसकर्मी और 59 महिला पुलिस निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक तैनात की गयी हैं। शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिये केन्द्रीय सुरक्षा बल की 800 कंपनियां दी गयी हैं। इनमें से 724 कंपनियां मतदान केन्द्रों की सुरक्षा में लगायी गयी हैं।

कुमार ने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिये उ प्र पुलिस के 9464 निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक तथा 59,030 आरक्षी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा पीएसी की 27 कंपनी और 48,136 होमगार्ड के जवान भी चुनाव ड्यूटी में लगाये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा बलों की मतदान केन्द्रों पर बुधवार शाम तक तैनाती हो गयी है। साथ ही मतदान वाले 11 जिलों की सीमायें शाम पांच बजे से सील कर दी गयी हैं।

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गौरतलब है कि पहले चरण में 10 फरवरी को होने वाले मतदान के लिये आठ फरवरी को सायं छह बजे चुनाव प्रचार थम गया था। इस चरण में सुबह 07:00 बजे से शाम 18:00 बजे तक मतदान होगा। पहले चरण के मतदान में कुल 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जायेगा।

पहले चरण के चुनाव मैदान में योगी सरकार के नौ मंत्री भी शामिल हैं। इनमें श्रीकांत शर्मा (मथुरा), अतुल गर्ग (गाजियाबाद), सुरेश राणा (थाना भवन), कपिल देव अग्रवाल (मुजफ्फरनगर), संदीप सिंह (अतरौली), चौधरी लक्ष्मी नारायण (छाता), अनिल शर्मा (शिकारपुर), जीएस धर्मेश (आगरा कैण्ट) और दिनेश खटीक (हस्तिनापुर) शामिल हैं।

पहले चरण के चुनाव का प्रचार थमने के पहले ही मंगलवार को भाजपा और सपा ने अपने-अपने लोकलुभावन घोषणापत्र जारी किये जबकि कांग्रेस ने बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है।

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शुक्ला ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत मतदाताओं को मास्क पहन कर ही मतदान केन्द्र में अंदर जाने की इजाजत होगी। इसके अलावा सेनेटाइजर और थर्मल स्केनिंग सहित अन्य इंतजाम किये गये हैं। चुनाव विश्लेषण से जुड़ी संस्था एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण के चुनाव मैदान में डटे 623 उम्मीदवारों में लगभग 40 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं और एक चौथाई उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।

पहले चरण के मतदान वाली 58 सीटों में से 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 53 सीटें जीती थीं। जबकि सपा बसपा ने 2-2 सीटों पर और रालोद ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार सपा और रालोद के बीच गठबंधन होने के कारण लगभग तीन दर्जन सीटों पर भाजपा और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं, दर्जन भर से अधिक सीटों पर भाजपा, सपा और बसपा के उम्मीदवार मजबूत होने के कारण त्रिकोणीय मुकाबला है।

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