Ranikhet News : वनाग्नि में धधक रहे थे शीतलाखेत के जंगल, जान हथेली पर रख महिलाओं ने सम्भाला मोर्चा, दो दिन की भारी मशक्त के बाद पाया काबू

वरिष्ठ पत्रकार आनंद नेगी की रिपोर्ट शीतलाखेत के आरक्षित वन क्षेत्र में विगत दो दिनों से लगी आग पर आखिरकार काबू पा लिया गया है।…

वरिष्ठ पत्रकार आनंद नेगी की रिपोर्ट

शीतलाखेत के आरक्षित वन क्षेत्र में विगत दो दिनों से लगी आग पर आखिरकार काबू पा लिया गया है। बड़ी बात यह है ​​जब बेकाबू होती इस वनाग्नि को बुझाने में महिलाओं ने एक बड़ी भूमिका का निर्वहन किया। सीधे कहा जाये यदि यह महिलाएं नही होती तो अकेल वन विभाग के कार्मिकों द्वारा आग पर काबू पाना लगभग असम्भव था। ज्ञातव्य हो कि दो दिन पूर्व मटीला गांव के निकट से आरंभ हुई आग पर काबू पाने के लिए कल वन विभाग द्वारा प्रयास आरंभ किए गए। मगर बार—बार फायर लाइन टूटने से जब स्थिति बेकाबू होने लगी तो महिला मंगल दलों से मदद की अपील की गई। ऐसे में महिला मंगल दल मटीला की महिलाएं सामने आईं और उन्होंने देर शाम तक उत्तरी ढाल की आग को बुझाने में सफलता प्राप्त कर ली। आज सुबह दक्षिणी हिस्से में फायर लाइन टूटने से आग फिर भड़क उठी ऐसे में महिला मंगल दल सूरी, पड्यूला और मटीला की महिलाओं ने पुनः मोर्चा संभाला और वन विभाग के सहयोग से वनाग्नि पर नियंत्रण कर लिया। उल्लेखनीय है कि शीतलखेत के वनों को आग और अनियंत्रित दोहन से बचाने के लिए महिलाओं और आम ग्रामीणों द्वारा लम्बे समय से अभियान चलाया जा रहा है। आग बुझाने में सहयोग करने वाली महिलाओं में पुष्पा देवी, गोपुली देवी, दीपा, हंसी, आशा, पद्मा, इंद्रा, विमला, मोहनी, खष्टी, सुनीता, जानकी, सावित्री के अलावा मोहन सिंह, चन्दन सिंह, बालम सिंह आदि शामिल रहे।

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