जगमोहन रौतेला
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेन्द्र सिंह पंवार ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने चार बिन्दुओं के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण किए गए लॉकडाउन की वजह से सबसे अधिक प्रभावित वर्ग की दशा पर चर्चा करते हुए उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से मदद किए जाने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में पंवार ने लिखा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने केन्द्र के दिशा निर्देशों के आधार पर जो भी कदम उठाएं हैं उक्रान्द उसकी प्रसंशा करता है और वायरस के इस आपत्तिकाल में पूरी तरह से प्रदेश सरकार के साथ खड़ा है।
पंवार ने इसके साथ ही कुछ सुझाव भी प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत को भेजे हैं। अपने सुझाव में पंवार ने लिखा है कि प्रदेश में हजारों लोग ऐसे हैं जिनकी आजीविका होटल और टैक्सी के सहारे चलती है। लॉकडाउन के कारण यह वर्ग इस समय बहुत अधिक प्रभावित है। यात्राकाल होने के बाद भी पूरे प्रदेश में चारों ओर सन्नाटा है। इन होटल व टैक्सी चालकों/मालिकों में अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक से ऋण लिया है। इन सभी को अगले एक साल तक बैंक के ऋण की किस्त देने पर छूट मिले। साथ ही टैक्सी मीलिकों को रोड टैक्स से भी मिलनी चाहिए। इसके अलावा इन लोगों का एक साल का पानी, बिजली के मूल्य में छूट प्रदान की जानी चाहिए।
उक्रान्द के पूर्व अध्यक्ष पंवार ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने जो भी दायित्वधारी विभिन्न बोर्ड, निगम व परिषदों में नियुक्त किए हैं उन सभी के वेतन व भत्तों में अगले एक साल के पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। सरकार किसी भी सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस, दूसरे अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति न करें, अगर किसी की नियुक्ति पिछले तीन महीने के दौरान की है तो उसे भी तत्काल प्रभाव से निरस्त करे। त्रिवेन्द्र पंवार ने अपने पत्र में यह भी सुझाव दिया है कि अगले वर्ष तक सम्पूर्ण विधायक निधी का रुपया प्रदेश सरकार को मुख्यमन्त्री राहत कोष में जमा करने का शासनादेश जारी करना चाहिए।
पंवार ने राज्य के स्थाई, तदर्थ, संविदा व आउटसोर्ट पर नियुक्त कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में भी किसी तरह की कटौती न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और उनकी आर्थिक दशा खराब होगी। इसके अलावा पंवार ने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे युवाओं व दूसरे लोगों को अविलम्ब वापस लाने की व्यवस्था करने की मांग भी प्रदेश के मुख्यमन्त्री से की है।