सीएनई रिपोर्टर, रामनगर
रामनगर के पीरूमदारा में दुर्लभ प्रजाति का मोनोकल कोबरा सांप पाया गया है। यह सर्प एकदम निर्भीक और सामान्य सांपों से ज्यादा जहरीला और बेहद खतरनाक है। यह खतरा महसूस होने पर भागने के बजाए इंसानों का पीछा करना शुरू कर देता है। जहर की थूक से आंखों पर हमला कर अंधा बना सकता है। इस खास प्रजाति के कोबरा को एक घर से रेस्क्यू किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सांप का नाम सुनते ही एक दहशत सी कायम हो जाती है। फिर यदि इन सांपों में भी अत्यंत जहरीले किंग कोबरा से सामना हो जाये तो बड़े कलेजे वाले भी कांप उठते हैं। डरना स्वाभाविक ही है, क्योंकि कोबरा यदि काट ले तो इलाज में जरा सी देरी होने पर इंसान की जान भी जा सकती है, लेकिन क्या हो जब कभी किसी ऐसे सांप से पाला पड़ जाये जिससे यदि आप दूरी बना चल रहे हों तब भी वह बिना काटे आपकी जान तक ले सकता है। यहां हम बात कर रहे हैं चंद्राकार सर्प यानी मोनोकल कोबरा की, जो पर्याप्त दूरी से भी जहर की थूक अपने शिकार पर फेंकने में समर्थ है।
दरअसल, सेव द स्नेक एंड वेलफेयर सोसाइटी की टीम ने ग्राम पीरुमदारा क्षेत्र में स्थित शांति कुंज गली नंबर 6 में एक ग्रामीण के घर में निकले दुर्लभ प्रजाति के मोनोकल कोबरा सांप को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू करने की कार्रवाई की है। सोसायटी का अध्यक्ष एवं सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप ने बताया कि प्रसिद्ध यह नाग खतरा महसूस करते ही जहर का फव्वारा सामने मौजूद व्यक्ति पर अपनी सांस के सहारे छोड़ता है।
यह सामान्य नाग से ज्यादा विषैला साप है, जो खतरा महसूस होने पर दूर से ही जहरीली थूक फेंकने में सक्षम है। यह चंद्रमय नाग है, जिसके फन पर चांद जैसी गोलाकार आकृति बनी हुई होती है। ज्ञात रहे कि लम्बे समय के बाद रामनगर क्षेत्र में एक ही महीने में 2 मोनोकल कोबरा सांप सोसायटी द्वारा रेस्क्यू किए जा चुके हैं। सर्प विशेषज्ञ कश्यप ने बताया कि रेस्क्यू किए गए ऐसे दुर्लभ प्रजाति के कोबरा सांप को वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जंगल में सुरक्षित आजाद कर दिया गया है।
यह कोबरा दिखे तो गलती से भी नहीं जायें नजदीक
सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप के अनुसार यह सांप बहुत फुर्तीला होता है और उछल—कूद करके वार करता है। यह किसी से नहीं डरता है। दुश्मन का यह पीछा भी शुरू कर देता है। यह अपने जहर को इंसानों की आंखों पर निशाना साध फूंक मारकर फेंकता है। इसलिए जहां कहीं भी यह कोबरा दिखाई दे इसके नजदीक कतई नहीं जायें। उन्होंने बताया कि पूरे 15 साल बाद ऐसे दो सांप देखे गये हैं।