अल्मोड़ा। सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने कम्प्यूटर से ऑनलाइन खाद्यान्न वितरण के लिए सरकार द्वारा दबाव कायम करने पर सख्त एतराज जताते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को छह सूत्रीय मांग पत्र भेजा है। साथ ही चेतावनी दी है कि मांगों पर यथोचित कार्रवाई होने तक ऑनलाइन वितरण नही किया जायेगा।
सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ की जिला अल्मोड़ा इकाई की ओर से खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, उत्तराखंड शासन को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान समय में सस्ता गल्ला विक्रेता अपना कार्य पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं तथा इस महामारी के समय देश् व सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभाग द्वारा ऑनलाइन खाद्यान्न वितरण हेतु दबाव बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है। विक्रेताओं की समस्याओं को कई बार​ लिखित व मौखिक रूप से शासन के समक्ष रखा गया है, लेकिन प्रगति शून्य है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण जनपद में नेट कनेक्टिविटी की गंभीर समस्या है तथा वर्तमान में कई खाद्यान्न योजनाओं के राशन का वितरण किया जा रहा है, जो कम्प्यूटर से संभव नही है। विक्रेताओं को इंटरनेट हेतु कोई भुगतान नही किया गया है। उन्हें कम से कम एक हजार रूपये प्रतिमाह मिलना चाहिए। विक्रेताओं को मात्र 10 मिनट की ट्रेनिंग ऑनलाइन वितरण के संबंध में सामूहिक रूप से दी गई, जबकि प्रत्येक विक्रेता को यह ट्रेनिंग पूर्ण रूप से मिलनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि हर विक्रेता को सरकार कम से कम तीस हजार रूपया प्रतिमाह मानदेय दे। कहा कि प्रत्येक गोदाम में खाद्यान्न तोलने के लिए कांटा लगवाया जाये तथा 100 प्रतिशत खाद्यान्न तोलकर दिया जाये। उन्होंने चेतावनी दी कि गल्ला विक्रेताओं की उक्त मांगों पर यदि कार्रवाई नही हुई तो राशन का ऑनलाइन वितरण नही किया जायेगा। ज्ञापन में जिलाध्यक्ष दिनेश गोयल, महामंत्री मनोज वर्मा, उपाध्यक्ष केसर सिंह व जिला कोषाध्यक्ष अभय साह के हस्ताक्षर हैं।

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