Uttarakhand : डायट डीएलएड प्रशिक्षितों की सुध नही ले रही सरकार, बढ़ रहा असंतोष, बेवजह लटकी है नियुक्ति पक्रिया, सचिवालय के बाहर तख्तियों के साथ किया प्रदर्शन

सीएनई रिपोर्टर देहरादून। प्रदेश के विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर निरंतर संघर्षरत डायट डीएलएड प्रशिक्षितों को महज कोरे आश्वासनों के जरिये छला जा…

सीएनई रिपोर्टर

देहरादून। प्रदेश के विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर निरंतर संघर्षरत डायट डीएलएड प्रशिक्षितों को महज कोरे आश्वासनों के जरिये छला जा रहा है। प्रशिक्षितों की नियुक्ति प्रक्रिया अन्य संगठनों द्वारा कोर्ट में जारी वाद के चलते लटक चुकी है। जिसको लेकर उत्तराखंड डायट डीएलएड संघ मुख्यमंत्री सहित तमाम आला अधिकारियों से कई बार मुलाकात कर चुका है।

इसके बावजूदन समस्या का कोई हल नही निकलने से प्रशिक्षितों में निराशा का माहौल है। संघ के बैनर तले आज इन प्रशिक्षितों ने अपनी मांगों को लेकर अपनी मांगों से संबंधित नारे लिखी तख्तियों के साथ सचिवालय के बाहर कैबिनेट मिटिंग से पूर्व प्रदर्शन किया।

ज्ञात रहे कि इससे पूर्व डायट डीएलएड संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से तीन—चार बार मिल चुका है। जहां उन्हें कोर्ट में बाधित मामलों को शीघ्र निपटा कर अपनी नियुक्ति के संबंध में बात रखी थी। सीएम के अलावा डायट डीएलएड प्रशिक्षित इससे पूर्व अपनी नियुक्ति के संबंध में कई बार शिक्षा मंत्री से भी मिल चुके हैं।

यह मामला अन्य संगठनों के कारण कोर्ट में विवादित है। राज्य से 519 डायट डीएलएड प्रशिक्षित का चयन एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से हुआ था। जिसके बाद उनकी नियुक्ति होनी थी, परंतु नवंबर में जारी विज्ञप्ति में एनआईओएस और बी—एड द्वारा कोर्ट केस किया गया। जिसकी वजह से भर्ती कोर्ट में लटक गई। अब यह प्रशिक्षित सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोर्ट में वह निर विवादित हैं और उनका भविष्य बिना किसी वजह से फंसा हुआ है।

प्रशिक्षित प्रकाश दानू ने कहा कि वह सरकार तक अपनी बात रखने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने सरकार के कहने पर ही है प्रशिक्षण प्राप्त किया, परंतु अभी तक नियुक्ति ना मिलने के कारण हताशा है। सरकार इस पर शीघ्र समाधान निकाले अन्यथा प्रशिक्षु प्रशिक्षित आंदोलन के लिए विवश हो जाएंगे।

डायट प्रशिक्षित मनु सरोज का कहना है जब हम प्रतियोगी परीक्षा पास करके आए थे तो नियम हमारी नियुक्ति के संबंध में प्राथमिकता के थे। परंतु बीच में नियम बदल कर हमें कोर्ट में बेवजह फंसाया गया। हम कोर्ट में निर्विवादित हैं, हमारा कोई केस नहीं है, अन्य केस की वजह से हमें नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है ?

गौरव रावत का कहना है ”यदि सरकार अति शीघ्र हमारी नियुक्ति के संबंध में विचार नहीं करती तो सभी प्रशिक्षित जुलाई माह के अंत में आंदोलन के लिए विवश होंगे।” सचिवालय के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन करने वालों में दीक्षा, मुकेश, गौरव, मन्नू सरोज, इशांत, अजय, दीपिका आदि शामिल थे।

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