हल्द्वानी : यशपाल आर्य के काफिले पर हमले के मामले ने पकड़ा तूल, हरीश रावत ने सीएम और डीजीपी से की बात

हल्द्वानी। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व उनके बेटे संजीव आर्य के काफिले पर हुए हमले का मामला अब तूल पकड़ गया है। रविवार सुबह…

हल्द्वानी। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व उनके बेटे संजीव आर्य के काफिले पर हुए हमले का मामला अब तूल पकड़ गया है। रविवार सुबह पूर्व सीएम हरीश रावत, पीसीसी चीफ गणेश गोदियाल समेत अन्य नेता यशपाल के हल्द्वानी स्थित आवास पहुंचे थे। घटना की जानकारी लेने के बाद हरदा ने सीएम पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी अशोक कुमार से फोन पर बात भी की।

हरीश रावत ने डीजीपी से कहा कि थाने से सिर्फ 40 मीटर दूरी पर यह घटना हुई है। यूएस नगर पुलिस के सीनियर अफसरों की भूमिका भी मामले में संदिग्ध है। हरदा ने डीजीपी से इस घटना को लेकर नाराजगी जताते हुए यह तक कह दिया कि अब क्या यशपाल आर्य को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें दून या किसी अन्य सुरक्षित जगह पर लेकर जाए।

शनिवार को बाजपुर में कांग्रेस का सदस्यता कार्यक्रम था। जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव को भी शामिल होना था। लेकिन कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पहले उनके काफिले को घेर लिया गया। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी। लेकिन समर्थकों ने यशपाल और संजीव को बाहर नहीं आने दिया। घटना के बाद कांग्रेसियों ने कोतवाली का घेराव भी किया था। वहीं, यशपाल के आवास पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सत्ता की शह पर यह हमला करवाया गया था। भाजपा राजनैतिक की बजाय हिंसक लड़ाई पर उतर आई है। इसे उत्तराखंड की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

कांग्रेसियों ने फूंका सरकार का पुतला

बाजपुर घटना को कांग्रेस अब मुद्दा बनाने में जुटी है। जगह-जगह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे। टीपीनगर चौराहे पर प्रदेश महासचिव महेश शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला फूंक भड़ास निकाली। कांग्रेसियों ने पूरे मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि साजिशन हमला करवाया गया था। सूचना देने के बावजूद सिर्फ दो पुलिसकर्मी मौके पर भेजे गए थे।

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