मोटाहल्दू : परिवहन विभाग चुप, पुलिस कर रही चालान, आम जनता की हो रही फजीहत, जिम्मेदार कौन?

विक्की पाठकमोटाहल्दू। यातायात व्यवस्था को सही तरीके से चलाने को व सड़क हादसों में विराम लगाने को लेकर पुलिस विभाग व परिवहन विभाग का चालान…


विक्की पाठक
मोटाहल्दू। यातायात व्यवस्था को सही तरीके से चलाने को व सड़क हादसों में विराम लगाने को लेकर पुलिस विभाग व परिवहन विभाग का चालान करो अभियान बदस्तूर जारी है। बावजूद इसके ओवरलोड दौड़ रहे वाहनों में लगाम लगाना दोनों ही विभागों के लिए चुनौती बना हुआ है। चाहे बात खनन सामग्री से लदे हुए बड़े-बड़े ट्रकों की हो या फिर गन्ने की ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली हो। यह पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों को चकमा देकर हाईवे में तेज गति से दौड़ रहे हैं जिसे हर वक्त दुर्घटना का भय बना हुआ है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी देखने के बावजूद भी इन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।

आइए जानते हैं सड़क पर इतना जाम लगने की आखिरकार वजह क्या है? किस वजह से लगता है जाम, जानिए हमारी इस खास रिपोर्ट में। गौला नदी से खनन कार्य करने वाले सैकड़ों वाहन रामपुर रोड स्थित स्टोन क्रेशर में खनन सामग्री ले जाते हैं तब या तो क्षेत्रीय पुलिस द्वारा चैक पोस्टों पर चालान करो अभियान चलाया जाता है तो कहीं आरटीओ विभाग के अधिकारियों द्वारा हाईवे पर ही चालान करना शुरू कर दिया जाता है। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती है। छोटे वाहनों को आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन पुलिस विभाग के पास लापरवाह वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का और कोई रास्ता नहीं है।

आखिरकार फिटनेस में कैसे पास हो जाते है यह वाहन!

सड़क में दुर्घटनाओं का सबब बन रहे वाहन वह इन वाहनों की वजह से लगने वाले जाम में परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आती है क्योंकि जब विभाग द्वारा इन वाहनों की फिटनेस की जाती है। तो क्या उस वक्त इन वाहनों के पूरे कागजों व प्रपत्रों को चेक नहीं किया जाता है। अगर सही तरीके से इनकी जांच होती है तो फिर पुलिस व परिवहन विभाग के चालान करो अभियान में यह वाहन सड़क के दोनों ओर कतारे लगाकर क्यों खड़े होते हैं। उच्च अधिकारियों को अपने सिस्टम के खिलाफ हैं ठोस कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे आम जनता की फजीहत ना हो। आजकल हाईवे में गन्ने से लदी हुई ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली फर्राटे भर्ती हुई नजर आ रही है जो किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकती है। लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इनकी ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। लगता है यह किसी बड़ी सड़क दुर्घटना के इंतजार में है।

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