ब्रेकिंग उत्तराखंड : पति गया जेल तो पत्नी ने बना लिए दूसरे से संबंध,धोखा खाए पति को पत्नी और उसके प्रेमी ने कैसे हटाया रास्ते से, पढ़िये दिल दहला देने वाली पूरी कहानी

ऋषिकेश। पुलिस ने एक व्यक्ति के लापता होने के 48 घंटे के भीतर न सिर्फ उसके शव को बरामद किया बल्कि एक ऐसी साजिश से…


ऋषिकेश। पुलिस ने एक व्यक्ति के लापता होने के 48 घंटे के भीतर न सिर्फ उसके शव को बरामद किया बल्कि एक ऐसी साजिश से पर्दा उठाया जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। पुलिस ने हत्यारोपी, और इस साजिश में शामिल मृतक की पत्नी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। हत्या का यह पूरा ताना बाना ऋषिकेश से शुरू होकर रानीपोखरी तक फैला हुआ निकला।
मिली जानकारी के अनुसार 25 सितंबर को कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता चंद्रेश्वर नगर मायाकुंड ऋषिकेश निवासी चंदा साहनी ने अपने भाई अमरजीत साहनी की गुमशुदगी के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था। उसका कहना था कि उसके 32 वर्षीय भाई अमरजीत साहनी पुत्र जीवन साहनी 18 सितंबर की शाम 3:00 बजे अपने दो अन्य साथियों के साथ काम पर गया था, जो अभी तक वापस नहीं आया है। जबकि दोनों साथी वापस आ गए हैं। उक्त संबंध में उसके साथियों व अपनी भाभी से पूछा तो कुछ भी नहीं बता रहे हैं।
गठित टीम द्वारा गुमशुदा व्यक्ति के संबंध में परिवार जनों से पूछताछ की गई। पुलिस टीम द्वारा जांच के दौरान यह सामने आया कि गुमशुदा की पत्नी का गुमशुदा के साथी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा है।

जिसकी जानकारी उसके पति को हो गई थी। जिस पर पुलिस द्वारा उसकी पत्नी व साथियों को थाने बुलाकर सख्ताई से पूछताछ की गई। जिसपर गुमशुदा की पत्नी व गुमशुदा अमरजीत के साथियों द्वारा योजना बनाकर गुमशुदा अमरजीत साहनी की हथोड़ा मार कर हत्या करने का अपराध स्वीकार किया व गुमशुदा के शव को जंगलात बैरियर से आगे जंगल में झाड़ियों में छिपाना बताया गया। जिनकी निशानदेही पर गुमशुदा व्यक्ति के मृतक शरीर व हत्या में प्रयुक्त हथौड़े को घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार इस पूरे हत्याकांड का मास्टर माइंड ग्राम रामनगर बनकट निकट पानी की टंकी पोस्ट जगदीशपुर थाना मझौलिया जिला बेतिया बिहार निवासी राजन पुत्र महेंद्र महतो और मृतक अमरजीत साहनी की पत्नी सुनीता निकली। इसके अलावा हत्याकांड में ग्राम खरड़ थाना फुगाना जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश निवासी अमरजीत साहनी का साढू भाई सुनील पुत्र बलदेव सिंह भी शामिल था जो इन दिनों चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश में रहता है। इसके अलावा मृतक कोठी थाना नौतन जिला बेतिया बिहार निवासी अनिल प्रसाद पुत्र शंभू प्रसाद भी हत्या में शामिल था वह इन दिनों चंद्रभागा चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश में रहता है।
24 वर्षीय राजन कुमार ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह विगत 9-10 वर्ष पूर्व ऋषिकेश लेवर का काम करने के लिये आया था तथा वर्तमान में मिस्त्री का काम कर रहा था। अमरजीत साहनी को वह पिछले दो ढाई साल से जानता था। अमरजीत साहनी पहले किसी मामले में जेल गया था। इसी दौरान अमरजीत की पत्नी सुनीता ने मेरे साथ लेवर का काम किया था, इसी दौरान राजन और सुनीता के साथ सम्पर्क हुआ व उनके बीच मेल जोल बढ़ा व दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। उनके बीच शारीरिक सम्बन्ध भी बने। लाॅकडाउन के दौरान अमरजीत ने भी राजन के साथ लेवर का काम किया था। सुनीता व मेरे सम्बन्धो की जानकारी अमरजीत को हो गई थी। इसी बात को लेकर वह सुनीता से शराब पीकर मारपीट करने लगा, तथा मेरे से भी गाली गलौच करता रहता था। कुछ समय के लिये सुनीता और मैने आपस में सम्पर्क बन्द कर दिया था, परन्तु इसके बावजूद भी अमरजीत अपनी पत्नी सुनीता से इसी बात को लेकर मारपीट व गाली गलौच करता रहा। यह बात फोन पर सुनीता ने राजन को बतायी क्योंकि वह सुनीता से प्यार करने लगा था तथा अमरजीत उसे लगातार मारपीट कर रहा था। यह बात तुझे अच्छी नहीं लगी अतः रोज रोज के झझंट से छुटकारा पाने के लिये उसने सुनीता के साथ मिलकर अमरजीत को मारने का मन बना लिया। सुनीता ने भी उसे कई बार कहा था कि यदि तुम आगे भी मेरे साथ रहना चाहते हो तो अमरजीत को मारकर रास्ते से हटाना होगा।
राजन, अमरजीत के साढू सुनील अमरजीत को भी अच्छी तरह से जानता था। अमरजीत की पत्नी सुनीता के कहने पर उसने सुनील को अपने साथ काम पर रखा था जो कि लेवर का काम करता है। यह अपने परिवार के साथ चन्द्रभागा ऋषिकेश में ही रहता है। सुनील को राजन व सुनीता के सम्बन्धों की जानकारी थी परन्तु वह मेरे साथ लेवर का काम करता था, इसलिये उसने कभी विरोध नहीं किया। अमरजीत द्वारा अपनी पत्नी से मारपीट की जानकारी सुनील को थी जब अमरजीत उसके साथ मारपीट करता था तो वह सुनील को व अपनी बहिन को बताती थी। जिससे सुनील भी अमरजीत के इस बर्ताव से काफी परेशान था। सुनील काफी समय से लेवर का काम करता था व वह मिस्त्री बनना चाहता था। अतः राजन ने अमरजीत को अपने रास्ते से हटाने वाले प्लान में इसे भी शामिल करने की सोची।
अनिल प्रसाद पत्थर लगाने का मिस्त्री है, जिसको राजन पिछले 2-3 वर्ष से जानता था, दोनो ने कई बार एक साथ मिलकर काम किया है चूंकि अनिल भी बिहार का रहने वाला है जिस कारण हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे। अनिल राजन को अपने परिवार की सारी बातें भी बताता था, जिसे रूपयों की आवश्यकता थी। अमरजीत भी इस बात को अच्छी तरह जानता था कि अनिल को रूपयों की आवश्यकता थी। अतः इसे भी राजन ने अपने प्लान में शामिल करने की सोची। राजन ने अमरजीत को अपने रास्ते से हटाने के लिये दोनों से मिलकर बात की, अनिल को कहा कि तुझे मिस्त्री बना दूंगा तथा अनिल प्रसाद को उसने 20 हजार रूपये देने का लालच दिया, जिस पर दोनो सहमत हो गये।
18 सितंबर को ढालवाला पुल के सामने तीनों ने मिलकर अमरजीत को मारने की योजना बनायी, योजना के अनुसार अनिल प्रसाद व सुनील अमरजीत को शराब पिलाने का बहना बनाकर उसके घर से राजन की मोटर साईकिल ड्रीम योगा नम्बर UK07-AR- 9130 पर लेकर गये, नटराज चौक पर राजन ने सुनील को फोन कर रूकवा दिया। योजना के मुताबिक राजन ने अनिल प्रसाद को 1000/- रूपये दिये थे व बताया कि अमरजीत को खूब शराब पिलाना ताकि वह होश में न रहे। अनिल प्रसाद राजन की मोटर साईकिल में अमरजीत को लेकर रानीपोखरी ठेके पर चला गया, वहां बैठकर दोनों ने योजना के मुताबिक शराब पी। अनिल ने राजन को फोन किया व बताया कि मोटरसाइकिल खराब हो गयी है फिर राजन ने अपने दोस्त सुमित निवासी ढालवाला की बाइक सुपर स्पलेण्डर नं0 UK07-Y- 0382 ली और अपने साथ सुनील को बैठाकर रानीपोखरी ले गया। राजन ने वह बाइक सुनील को दी। जिसे लेकर सुनील वापस ऋषिकेश आ गया। राजन की बाइक पर अनिल अपने साथ अमरजीत को बैठाकर ले गया था, उसकी चेन खराब हो गयी थी। अतः राजन ने रानीपोखरी में ही बाइक की चेन ठीक करवायी, राजन की बाइक में एक तनीदार बैग टंगा हुआ था, जिसमें योजना के मुताबिक उसने हथोड़ा रखा हुआ था। अमरजीत नशे में घुत था उसने जैसे ही राजन को देखा वह उससे गाली गलौच करने लगा और कहने लगा कि तेरा मेरी पत्नी के साथ अवैध रिश्ता है। मैं तुझे देख लूंगा। फिर राजन ने अपनी बाइक में अमरजीत को बीच में बैठाया व पीछे से अनिल प्रसाद बैठा तथा योजना के मुताबिक वे अमरजीत को लेकर ऋषिकेश की तरफ चल दिये। अंधेरा हो चुका था, रास्ते में काली मन्दिर से लगभग 200 मीटर ऋषिकेश की तरफ राजन ने बाइक रोक दी, अमरजीत नशे में बिलकुल धुत था तथा गाली गलौच कर रहा था जिसे अनिल और राजन ने उसे पकड़कर बाइक से नीचे उतारा व बाइक को सड़क किनारे खड़ा किया। राजन ने अपनी बाइक के बैग से हथोड़ा निकाला व अमरजीत के सिर के पीछे हिस्से पर एक जोरदार वार किया, जिससे वह बेहोश होकर वंही पर गिर गया फिर वह अमरजीत को खींच कर अकेले ही सड़क से बांयी तरफ नदी की ओर लगभग 50-60 फिट अन्दर झाड़ियों में ले गया। जहां पर उसने फिर से उसके सिर पर हथोड़े से तीन चार वार किये, उसने अमरजीत की जेब से उसका मोबाईल फोन निकाल दिया था तथा हथोड़े को अमरजीत के सिर के पास ही फेंककर यह यकीन होने पर कि अमरजीत मर गया वह झाड़ियों से बाहर आकर सड़क पर आ गया। अनिल प्रसाद सड़क पर खड़े होकर आने जाने वाले लोगों पर नजर रख रहा था, फिर हम दोनों वापस ऋषिकेश आ गये। अनिल प्रसाद अपने कमरे पर चला गया तथा राजन अमरजीत का मोबाईल फोन लेकर उसके घर गया जहां पर उसने अमरजीत को मारने की पूरी घटना उसकी पत्नी सुनीता को बतायी। उसने अमरजीत के मोबाईल फोन को सुनीता को दे दिया कि इसे अपने पास रख लेना।
उन्हें पता चला कि अमरजीत की बहन चन्दा साहनी ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी है और पुलिस पूछताछ के लिये हमे खोज रही है अतः आज वे चारों यहां से कही भागने की फिराक में थे कि पुलिस उन्हें पूछताछ के लिये थाने लेकर आ गयी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *