विडंबना : हुक्मरानों की अनदेखी का शिकार भारत का स्वीट्जरलैंड ‘रानीखेत’

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सौंपा ज्ञापन CNE REPORTER, RANIKHET ब्रिटिशकाल से ही पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रहे और भारत के स्विट्जरलैंड के नाम…


कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सौंपा ज्ञापन

CNE REPORTER, RANIKHET

ब्रिटिशकाल से ही पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रहे और भारत के स्विट्जरलैंड के नाम से प्रसिद्ध रानीखेत हुकमरानों की अनदेखी के चलते अपनी पुरानी प्रतिष्ठा खोता जा रहा है। हालात यह है कि कहीं क्षतिग्रस्त व जीर्ण-शीर्ण मार्गों तो कहीं लागू प्रतिबंधों की वजह से पर्यटक रमणीक स्थलों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। नई योजनाओं पर भी कार्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ है। इन तमाम समस्याओं को लेकर व्यापार मंडल के मौजूदा व पूर्व पदाधिकारियों ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के आगमन पर उनसे मुलाकात की और मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

⏩ रानीखेत उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल जिला रानीखेत, उत्तराखण्ड के बैनर तले सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि गोल्फ कोर्स रानीखेत को सेना द्वारा विगत कुछ वर्षों से पर्यटकों व आम नागरिकों के लिए बंद करने के कारण रानीखेत के पर्यटन व व्यापार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। हालांकि कुछ समय पूर्व गोल्फ कोर्स को प्रतिदिन मात्र प्रातः 11 बजे से दिन में 1 बजे तक (मात्र 2 घंटे) के लिए खोला गया है, जो कि नाकाफी है। उन्होंने आग्रह किया कि गोल्फ कोर्स के दक्षिणी भाग को पर्यटकों एवं आम जनता के लिए पूर्व की भांति पूर्णतया खोला जाना चाहिए।

⏩ कहा कि रानीखेत में आज़ादी से पूर्व अंग्रेज़ों द्वारा चौबटिया के समीप एक रमणिक कृत्रिम झील का निर्माण कराया गया था जिसे “भालू-डैम” के नाम से जाना जाता है। जोकि उस समय से आज तक स्थानीय नागरिकों व देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रही है। भालू-डैम तक आवागमन के लिए अंग्रेज़ों द्वारा निर्मित मोटर मार्ग तो है, परन्तु अत्यंत दयनीय स्थति में है। जिससे कि स्थानीय जनता एवं पर्यटकों की आवाजाही संभव नहीं हो पाती। इस वजह से पर्यटक व आम नागरिक ब्रिटिशकालीन पर्यटक स्थल को देखने से वंचित रह जाते हैं। आग्र​ह किया कि वे इस समस्या का संज्ञान लें।

⏩ उन्होंने कहा कि चिलियानौला नगरपालिका से ग्राम-खनिया (रानीखेत) तक लगभग 1.0 किमी. का रोप वे, जिससे हिमालय की लगभग 377 किमी0 की रेंज का नयनाभिराम दृश्य दिखाई देगा। पूर्व में रानीखेत में रोप-वे के लिए विभाग द्वारा सर्वे भी किया जा चुका है। रोप-वे रानीखेत में पर्यटन के लिहाज़ से मील का पत्थर साबित हो सकता है।

⏩ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कालिका दलमोटी पैंथरपुल-सोमनाथ मार्ग पर पर्यटन की दृष्टि से जंगल सफारी कार्य का प्रारम्भ किया जाना था, जिसमें अग्रिम धनराशि भी आवंटित हो गई है। इस कार्य को भी अतिशीघ्र करवाने की आवश्यकता है।

⏩ ज्ञापन में कहा कि ग्रीष्मोत्सव व शरदोत्सव जिनकी शुरूआत कभी रानीखेत से ही हुई थी, परन्तु एक अदद मैदान के कारण अब रानीखेत में ग्रीष्मोत्सव शरदोत्सव करा पना बड़ी टेढ़ी खीर हो चुका है। मैदान के लिए सैन्य अधिकारियों की बहुत मिन्नतें करनी पड़ती हैं। तब कहीं जाकर कभी-कभी नरसिंह मैदान उपलब्ध हो पाता है। इस समस्या के निराकरण का अनुरोध किया गयाा

⏩ उन्होंने कहा कि रानीखेत पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्व रखता है, परन्तु रानीखेत शहर के सौन्दर्यकरण के लिए सरकार या प्रशासन द्वारा कोई भी बड़े प्रयास अभी तक नहीं किये गये हैं, जिससे रानीखेतवासी बहुत मायूस हैं और अपने को हर समय ठगा सा महसूस करते हैं। आग्रह किया कि पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए रानीखेत शहर में पर्यटन कोष से सौन्दर्यीकरण और पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की कृपा करें।

उन्होंने व्यापार मंडल एवं समस्त नगरवासियों की ओर से कुमाऊं कमिश्नर को रानीखेत आने का न्यौता भी दिया। कहा कि रानीखेत ब्रिटिशकाल से ही पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है, परन्तु हुकमरानों की अनदेखी की वजह से यह खूबसूरत पर्यटन स्थल अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को खोता जा रहा है। रानीखेतवासियों को पूर्ण विश्वास है कि दीपक रावत उक्त समस्याओं का शीघ्र निराकरण कर रानीखेत की खोती जा रही पर्यटन की पहचान को वापस दिलवाने में महत्पूर्ण योगदान देंगे। ज्ञापन देने वालों में व्यापार मंडल महासचिव संदीप गोयल, उपाध्यक्ष दीपक पंत, महिला उपाध्यक्ष नेहा माहरा, कोषाध्यक्ष भुवन पांडेय, उपसचिव विनीत चौरसिया, पूर्व अध्यक्ष भगवंत नेगी व यतीश रौतेला, पंकज जोशी, हेमंत नेगी, सोनू सिद्दीकी आदि शामिल रहे ।

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