IPS विजय कुमार उत्तर प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी, जानें उनके बारे में

लखनऊ| उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी विजय कुमार को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है।…

IPS विजय कुमार उत्तर प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी, जानें उनके बारे में

लखनऊ| उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी विजय कुमार को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 1988 बैच के IPS अधिकारी विजय कुमार सीबी-सीआईडी ​​के पुलिस महानिदेशक पद पर तैनात है। उन्होने बुधवार को प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी का पदभार ग्रहण कर लिया।

विजय कुमार ने गोमती नगर में पुलिस मुख्यालय में बुधवार को सेवानिवृत्त हो रहे निवर्तमान डीजीपी आरके विश्वकर्मा से कार्यभार संभाला। इससे पहले कुमार को राज्य के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। इस आशय का आदेश प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने जारी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजय कुमार को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार देने का निर्देश दिया। आगे पढ़ें…

उल्लेखनीय है कि विजय कुमार राज्य के तीसरे कार्यवाहक डीजीपी हैं। उनसे पहले 1988 बैच के आईपीएस आरके विश्वकर्मा ने 31 मार्च को कार्यवाहक डीजीपी का पदभार संभाला था। वह डीएस चौहान के बाद दूसरे आईपीएस अधिकारी थे, जिन्हें कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया था।

कौन हैं UP के नए DGP IPS विजय कुमार

जालौन की कोंच तहसील के गांव सतोह के रहने वाले विजय कुमार 1988 बैच के IPS हैं। वह दलित समाज से आते हैं। विजय कुमार के पिता राम प्रसाद भी यूपी पुलिस में सेवा दे चुके हैं। वह कानपुर में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। पिता की कानपुर पोस्टिंग होने के कारण विजय कुमार अपने पिता के साथ कानपुर में ही रहने लगे थे। विजय कुमार सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं।

चार भाई में आईपीएस बने विजय कुमार

हालांकि उनकी प्राइमरी शिक्षा अपने पैतृक गांव में ही हुई। उसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई कानपुर के PPN कॉलेज से की। IPS विजय कुमार चार भाई हैं। बड़े भाई का नाम अजीत सिंह है। वह इनकम टैक्स विभाग में तैनात थे। वह वहीं से रिटायर हुए हैं। दूसरे नंबर के खुद विजय कुमार हैं। तीसरे भाई हेमंत कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। चौथे नंबर के भाई बबलू झांसी में रहते हैं। IPS विजय कुमार का परिवार अभी लखनऊ में ही रहता है। आगे पढ़ें…

आइये जानते हैं किन-किन जिलों और किन अहम पदों पर रहे IPS विजय कुमार

1988 बैच के आईपीएस अफसर विजय कुमार की पहली पोस्टिंग शाहजहांपुर में एसपी के तौर पर 18 नवम्बर 1989 को हुई थी। इसके बाद वो गोरखपुर में एसपी के पद पर 2 साल तैनात रहे। अविभाजित यूपी में वो नैनीताल में भी एडिशनल एसपी (ASP) 1 साल के लिए तैनात रहे। इसके बाद विजय कुमार को बरेली में एसपी सिटी बनाया गया। इन सभी पदों पर तैनाती उनके ट्रेनिंग पीरियड के दौरान रही। पुलिस कप्तान के तौर पर पहली पोस्टिंग विजय कुमार को 1 जनवरी 1994 को पीलीभीत में मिली। हालांकि वो 7 महीने ही इस पद पर रह सके। पुलिस कप्तान के तौर पर उनकी दूसरी तैनाती बांदा में हुई।

लखनऊ में एसपी सुरक्षा और गोरखपुर के एसएसपी

बांदा के बाद उनकी अगली तैनाती लखनऊ में एसपी सुरक्षा के पद पर रही। इसके बाद उन्होंने महाराजगंज और मुजफ्फरनगर में पुलिस कप्तान के तौर पर सेवाएं दीं। 1997 से लेकर 2000 तक वह पीएसी और सीबीसीआईडी में तैनात रहे लेकिन 8 जनवरी 2000 को विजय कुमार को गोरखपुर का एसएसपी नियुक्त किया गया। 2 साल गोरखपुर, उसके बाद 1 साल इलाहाबाद और फिर 2 महीने लखनऊ में वे पुलिस कप्तान रहे। लखनऊ के बाद में फिर से इलाहाबाद के पुलिस कप्तान बनाए गए। पुलिस कप्तान के तौर पर यह उनकी आखिरी तैनाती थी। आगे पढ़ें…

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इलाहाबाद में डीआईजी के पद पर तैनाती

साल 2003 से 2007 तक वो कुछ खास अहम पदों पर नहीं रहे लेकिन, इसी बीच वो डीआईजी रैंक में प्रमोट हो गये। इलाहाबाद में डीआईजी के पद पर उन्हें तैनाती मिली। वो इलाहाबाद, मेरठ और आजमगढ़ में डीआईजी के पद पर तैनात रहे। आईजी रैंक में प्रमोशन होने के बाद वे आजमगढ़, आगरा, कानपुर नगर और गोरखपुर में तैनात रहे। एडीजी में प्रमोशन के बाद वो एडीजी अभियोजन, सुरक्षा, एडीजी ट्रैफिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। जब वो डीजी रैंक में प्रमोट हुए तो ट्रैफिक, होमगार्ड सीबीसीआईडी और विजिलेंस में तैनात रहे। इन्हीं पदों पर रहते हुए अब उन्हें योगी सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी का चार्ज दिया है।

IPS Vijay Kumar को अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए साल 2018 में सिल्वर मेडल और साल 2019 में गोल्ड मेडल मिल चुका है। विजय कुमार 31 जनवरी 2024 को रिटायार हो जाय़ेंगे। इस तरह देखें तो विजय कुमार का कार्यकाल बेहद शानदार रहा है। वो सात जिलों में पुलिस कप्तान रहे हैं। तीन मण्डलों में डीआईजी रहे हैं और चार में आईजी रहे हैं।

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