किच्छा। निकटवर्ती ग्राम नौगांवा में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय ने किसानों के साथ बैठक करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून को लेकर विस्तार से चर्चा की और किसानों को एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया। किसान नेता डॉ. उपाध्याय ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा तीन काले कानून चंद उद्योगपतियों के भले के लिए बनाये हैं तथा तमाम दावों के बावजूद किसान की फसल की बंदरबाट रुकने का नाम नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा कि देश के 70 करोड़ किसानों ने मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया, परन्तु वह किसानों की तरफ से मुंह मोड़ कर केवल उद्योगपतियों की तिजोरी भर रहे हैं व काला कानून के बावजूद आखिर एमएसपी से कम दामों पर धान बिकने से रोकने व दोषियों को जेल भेजने की एक भी कार्यवाही अगर भाजपा द्वारा की गयी हो तो प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जबाव दें। उन्होंने कहा कि चाहे एमएसपी या भंडारण की व्यवस्था हो या कांट्रेक्ट फार्मिंग की हो, सरकार लगातार जिम्मेदारी से भागती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि सरकार का अन्नदाता बीच चौराहे नीलाम हो रहा है।
अच्छे दिन व किसानों के ब्याज माफ़ी, डीजल के रेट, बेरोजगारी जैसे सभी मुद्दों पर भाजपा ने आम आदमी, किसान, बेरोजगारों को छलने का काम किया है। धान तोलने 48 घंटे के अंदर भुगतान के दावे हवा हवाई हो गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा शांतिपुरी सहकारी समिति में 72 घंटे पहले धान बेचा था, अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। उपाध्याय ने कहा जिलाधिकारी उधम सिंह नगर रंजना राजगुरु से वार्ता के दौरान कहा कि यथा शीघ्र ही छिनकी व मिलक ग्राम सभा में खरीद केंद्र खोला जाए, जिससे छोटे किसानों जिनकी खेती 2 एकड़ से 10 एकड़ के बीच है को न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा मिल सकें।
जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि यथाशीघ्र खोले जाएंगे। इस अवसर मे किसान अयूब अहमद, सिराज अहमद, मोहम्मद अब्दुल, जमील अहमद सईद अहमद हुसैन, अकील अहमद, नजीर अहमद, मोहम्मद हफीज, आरिफ मलिक, रिजवान अंसारी, महिपाल सिंह बोरा, जियाउल कमर मशगूल अहमद, नजीर अहमद, इस्तियाक मलिक व हफीज अहमद सहित दर्जनों किसान उपस्थित थे।