HomeUttarakhandAlmoraकुमाऊं क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन में मिलेगी अलग पहचानः गुरमीत सिंह

कुमाऊं क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन में मिलेगी अलग पहचानः गुरमीत सिंह

✍️ राज्यपाल सपरिवार चितई गोलू मंदिर, जागेश्वरधाम व कसारदेवी पहुंचे
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मंदिरों में पूजा-अर्चना कर देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत कुमाऊं के अलौकिक आस्था के केन्द्रों में देश-विदेश के पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी और इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में अलग पहचान मिलेगी। यह बात उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कही। राज्यपाल आज सपरिवार अल्मोड़ा जिले के प्रसिद्ध चितई गोलू मंदिर, जागेश्वरधाम व कसारदेवी मंदिर पहुंचे और सपरिवार पूजा-अर्चना कर देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि, खुशहाली की कामना की।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह आज सपरिवार अल्मोड़ा जनपद में प्रसिद्ध चितई गोलू मंदिर, जागेश्वरधाम व कसारदेवी मंदिर पहुंचे और उन्होंने वहां पूजा-अर्चना करते हुए देश व प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। सर्वप्रथम राज्यपाल चितई गोलू मंदिर पहुंचे, जहां जिलाधिकारी विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामचंद्र राजगुरु तथा अपर जिलाधिकारी सीएस मर्ताेलिया ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात उन्होंने मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें गोलज्यू के दरबार में आकर अलौकिक आनन्द का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा इस मंदिर में आकर यहां घंटी और अपनी मन्नतों व न्याय के लिए अर्जी लगाया जाना अपने आप में एक अलौकिक आस्था है।

राज्यपाल ने कहा कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊं मण्डल के अलौकिक आस्था के केन्द्रों में देश-विदेश के पर्यटक अधिकाधिक तादाद में आयेंगे तथा इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के आम नागरिकों में अतिथि देवों भवः की भावना है, जो अपने आप में अनूठी बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक ऐसी तपोभूमि है, जहां कोई भी पर्यटक आकर अलग ही आस्था का अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि इसी कारण पर्यटन को ध्यान में रखते हुए सड़कों, टनलों व रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।

इसके पश्चात उन्होंने सपरिवार जागेश्वरधाम में पूजा अर्चना की तथा देश-प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। यहां उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें जागेश्वरधाम आने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि यहां आकर एक अलग ही आध्यात्मिक अपार शक्ति का अहसास होता है। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान को बहुत सोच विचार कर ही बनाया जा रहा है। जिसके माध्यम से जागेश्वरधाम का विकास किया जाएगा तथा यह धाम आने वाले वर्षों में देश-विदेश में बहुत प्रसिद्ध होगा।

बाद में राज्यपाल कसारदेवी मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना करते हुए ध्यान लगाया। मंदिर में उन्होंने श्रद्धालुओं से वार्तालाप भी की। इसके पूर्व महामहिम राज्यपाल ने आरतोला स्थित रिजॉर्ट में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के साथ जनपद के विकास एवं विभिन्न विकास कार्यों को लेकर बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी विनीत तोमर ने उन्हें जनपद के बारे में विभिन्न जानकारियां दी। साथ ही जागेश्वरधाम के मास्टर प्लान के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि जनपद में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लोगों को जोड़कर उनका विकास किए जाने की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा की युवाओं में नशे की प्रवृत्ति को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं जाए।

राज्यपाल ने कहा की पलायन की दृष्टि से अल्मोड़ा सबसे अधिक प्रभावित है। इस और भी विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा की प्रतिवर्ष जंगलों में लगने वाली आग से लाखों की वन संपदा को नुकसान होता है, इससे बचाव हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। इस दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत जयकिशन, उपजिलाधिकारी गौरव पांडे समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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