कुमाउनी कहानी संग्रह काँव मनक काथ – क्वीड़’ पुस्तक का विमोचन

✒️ साहित्यकार महेंद्र ठकुराठी और सहायक प्रोफेसर डॉ० आशा शैली के संयुक्त संपादन में प्रकाशित ✒️ 42 महिला रचनाकारों की प्रतिनिधि कहानियां संकलित सीएनई रिपोर्टर,…

कुमाउनी कहानी संग्रह का विमोचन

✒️ साहित्यकार महेंद्र ठकुराठी और सहायक प्रोफेसर डॉ० आशा शैली के संयुक्त संपादन में प्रकाशित

✒️ 42 महिला रचनाकारों की प्रतिनिधि कहानियां संकलित

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोडा

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा स्थित जंतु विज्ञान विभाग सभागार में वरिष्ठ कुमाउनी साहित्यकार महेंद्र ठकुराठी और कुमाउनी भाषा की सहायक प्रोफेसर डॉ० आशा शैली के संयुक्त संपादन में प्रकाशित कुमाउनी कहानी संकलन ‘काँव मनक काथ- क्वीड पुस्तक का विमोचन किया गया।

परफेक्ट राइटर पब्लिकेशन दिल्ली से प्रकाशित हुई ‘काँव मनक काथ क्वीड’ कुमाउनी भाषा में प्रकाशित 238 पृष्ठों की एक ऐसी पुस्तक है, जिसमें कुमाउनी साहित्य के लिए सृजनरत 42 महिला रचनाकारों की प्रतिनिधि कहानियां संकलित है।
अल्मोड़ा में विगत चौदह वर्षो से अनवरत प्रकाशित हो रही कुमाउनी मासिक पत्रिका पहरू के प्रबंध संपादक महेंद्र ठकुराठी और एसएसजे विश्वविद्यालय में कुमाउनी भाषा विभाग का जिम्मा देख रही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० आशा शैली को जब यह लगा कि कुमाउनी दुदबोली के विकास के लिए यहां की मातृशक्ति भी बहुत बड़ी तादाद में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रही है, तो इन दोनों साहित्यकर्मियों ने मिलकर इन महिलाओं द्वारा लिखी गई कहानियों के दस्तावेजीकरण का बीड़ा उठाया।

विमोचन के अवसर पर दुदबोली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि ‘काँव मनक काथ-क्वीड कुमाउनी भाषा साहित्य के क्षेत्र में एक नवीन प्रयोग है। यह पुस्तक नई पीढ़ी के रचनाकारों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० गोकुल द्यौपा ने ‘काँव मनक काथ-क्वीड शीर्षक का हिन्दी में अर्थ समझाते हुए कहा कि वास्तव में ही यह पुस्तक कुमाउनी नारियों के कोमल मन की कथा और व्यथा को उकेरने वाला दस्तावेज है। इसे ज्यादा से ज्यादा पढ़ा जाना चाहिए।

इस अवसर पर साहित्यकार महेन्द्र ठकुराठी ने बताया कि इस पुस्तक में सन 1938 से लेकर अब तक की विभिन्न कुमाउनी पत्र-पत्रिकाओं में छपी महिला रचनाकारों की कहानियों को संकलित किया गया है। ज्ञातव्य है सर्वप्रथम सन 1938 से तीन वर्ष तक अल्मोड़ा में पहली कुमाउनी मासिक पत्रिका अचल का प्रकाशन हुआ था। विमोचन के अवसर पर डॉ० प्रीति आर्या, डॉ० चंद्रप्रकाश फुलेरिया, डॉ० ममता पन्त, डॉ० मुकेश सामन्त, डॉ० ललित योगी और लीला खोलिया आदि ने भी अपने विचार रखे। सभी छात्र-छात्राएं भी कार्यक्रम में मौजूद थे। मंच संचालन डॉ० गोकुल दयौपा द्वारा किया गया, जबकि अध्यक्षता कुर्मांचल अखबार के संपादक डॉ० चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने की।

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