लालकुआं : कांग्रेस में बगावत, संध्या डालाकोटी पहुंची हरीश दुर्गापाल से आशीर्वाद लेने – समर्थकों ने किया गेट बंद

लालकुआं। कांग्रेस के 11 प्रत्याशियों की दूसरी सूची आने के बाद जगह-जगह कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है, तो वहीं लालकुआं विधानसभा सीट से…

लालकुआं। कांग्रेस के 11 प्रत्याशियों की दूसरी सूची आने के बाद जगह-जगह कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है, तो वहीं लालकुआं विधानसभा सीट से कांग्रेसी नेत्री संध्या डालाकोटी का टिकट फाइनल होने के बाद से हरिश चंद्र दुर्गापाल के आवास पर हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया।

बताते चलें कि कांग्रेस नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल का टिकट लगभग कंफर्म माना जा रहा था मगर अंतिम समय में टिकट संध्या डालाकोटी को दे दिया गया, जिसके बाद जहां एक ओर संध्या डालाकोटी के आवास पर लोग उन्हें शुभकामनाएं देने पहुंचने लगे तो वहीं दुर्गापाल खेमा नाराज हो गया और उनके समर्थक निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग पर अड़ गए। News WhatsApp Group Join Click Now

इधर संध्या डालाकोटी ने अपने बुजुर्ग नेताओं से आशीर्वाद लेने स्वरूप हल्दूचौड़ का रुख किया और कांग्रेसी नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के आवास पर पहुंची जहां दुर्गापाल समर्थकों ने आवास का गेट बंद कर दिया। निराश होकर संध्या डालाकोटी गेट पर हीं बैठ गई और जब तक दुर्गापाल का आशीर्वाद नहीं मिल जाता तब तक यहीं बैठे रहने की मांग पर अड़ गई।

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हालांकि कुछ देर बाद दुर्गापाल के आवास से अनाउंसमेंट हुआ कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है तब संध्या डालाकोटी स्वयं उठकर अपने आवास को प्रस्थान कर गई।

इस दौरान क्षेत्र के तमाम ग्राम प्रधान एवं कांग्रेसी पृष्ठभूमि के नेता मौके पर पहुंचे और महिलाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करने की बात करते हुए डालाकोटी को दुर्गापाल के गेट से उठा दिया और संध्या डालाकोटी जिंदाबाद के नारा लगाते हुए वहां से चल दिए। पूरे मामले पर संध्या डालाकोटी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपने बुजुर्ग नेता दुर्गापाल का आशीर्वाद लेने यहां पहुंची थी मगर उनके समर्थकों द्वारा गेट बंद कर देना मातृशक्ति का अपमान है उन्होंने कहा कि जब उन्हें यह अनाउंसमेंट में पता चला कि दुर्गापाल ने कांग्रेस छोड़ दी है तो वह अपने समर्थकों के साथ दुर्गापाल के आवास से उठ गई।

इधर ग्राम प्रधानों का कहना है कि 84 वर्ष की उम्र में भी दुर्गापाल विधायक बनने का ख्वाब देख रहे हैं ऐसे में युवा वर्ग कहां जाएगा यह सोचने वाली बात है वही वरिष्ठता के आधार पर दुर्गापाल को एक महिला का सम्मान करना चाहिए था मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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