बागेश्वर। देहरादून-मसूरी मार्ग की जो दुर्दशा हुई है वही हाल कुछ दिनों में कांडा-बागेश्वर एनएच 309A मार्ग का होना तय है। यह सड़क कांडाधार के पास दिन-प्रतदिन भूस्खलन के भेंट चढ़ रही है। लेकिन विभाग इतना बेपरवाह है कि उसका इस ओर ध्यान ही नहीं है। मार्ग पर कई दुपहिया वाहन सवार खाई में गिरने से बाल-बाल बचें हैं। अभी कुछ समय पहले जिले में सड़क सुरक्षा की बैठक हुई थी। जिसमें जिलाधिकारी विनीत कुमार ने ऐसी जगहों को तत्काल ठीक करने व हादसे रोकने के लिए इन स्थानों पर शाइन बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिये थे। डीएम सड़क सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर नजर आए।
वहीं दूसरी ओर विभाग इन दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्रों में ना कोई बोर्ड लगाने को तैयार है और ना ही इस मार्ग को ठीक करने की इच्छा शक्ति दिखा रहा है। इस मार्ग पर रोज आवाजाही करने वाले लोगों का कहना है कि अगर ये मार्ग क्षतिग्रस्त होता है तो लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जिले की आधी आबादी इस मार्ग का उपयोग करती है। एनएच अगर जल्द नहीं जागा तो इस मार्ग का दूसरा कोई विकल्प भी उसके पास नहीं होगा।
लोगों का कहना है कि अगर जिले मुख्यालय में सड़कों का ये हाल है तो बाकी क्षेत्र का क्या कहना। वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एनएच 309-A का रख रखाव का जिम्मा एनएच रानीखेत के पास है। ये विभाग आए दिन सुरक्षा दिवार ही बनाता नजर आता है, सुरक्षा दीवार भी ऐसी जो हर महीने दरकती ही नजर आती है। लेकिन रोड पर मलवा या कोई पेड़ आ जाए तो महीनों तक आधी रोड पर बना रहता है। विभाग की कार्यशैली ही अपने आप पर ही सवालिया निशान छोड़ती है।