अच्छी पहल : दल-दल छोड़ प्रवासियों के लिए एक जुट हुए नेता और चिंतक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को भेजा इस परेशानी को लेकर पत्र

हल्द्वानी। वक्त और राजनीति कभी एक से नहीं रहते। कल तक एक दूसरे की धुर विरोधी राजनीतिक शखिसियतें अब कोरोना संकट में लोगों की मदद…

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हल्द्वानी। वक्त और राजनीति कभी एक से नहीं रहते। कल तक एक दूसरे की धुर विरोधी राजनीतिक शखिसियतें अब कोरोना संकट में लोगों की मदद के लिए गिले शिकवे भूल कर एक मंच पर आती दिखाई पड़ रही है। ऐसे ही कुछ नेताओं ने भाजपा के कदावर नेता व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी को पत्र लिखकर पूरे देश में अलग अलग राज्यों में फंसे उत्तराखंडी लोगों को वापस अपने राज्य में भिजवाने में मदद करने के लिए पत्र भेजा है।
इन लोगों ने न सिर्फ बलूनी को पत्र भेजा है बल्कि उनसे फोन पर बात कर अपना कष्ट भी साझा किया। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित कई ऐसे लोगों ने इस पत्र में हस्ताक्षर किए हैं जो या तो अलग अलग राजनैतिक दलों से जुड़े हुए हैं या फिर उनका चिंतन सामाजिक होता है। बलूनी को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि वे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात आदि विभिन्न प्रदेशों व विदेश में फंसे हुये उत्तराखंडियों के बारे में चिन्तित हैं। इनमें महिलायें, युवतियाँ, बच्चे, छात्र-छात्राएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। वे कोरोना महामारी के दौर में मानसिक वेदना के साथ-साथ अनेकों अन्य प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे है। यह पत्र मीडिया के लिए भी जारी किया गया है। पत्र में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ ही बच्चीराम कंसवाल, राजीव लोचन साह, प्रो. एसएन सचान, समर भंडारी, राकेश पंत, त्रेपन सिंह, राजेंद्र सिंह भंडारी, शंकर गोपाल, आनंद उपाध्याय, याकूब सिद्दीकी, अंशुल श्रीकुंज, सुरेंद्र रांगड़, मनोज खुल्बे, आशीर्वाद गोस्वामी, पंकज रतूड़ी, नेम चंद्र सोमवंशी आदि ने हस्ताक्षर किए हैं।

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