किच्छा ब्रेकिंग : प्रधानमंत्री कार्यालय से आया लेटर, खुली प्रशासन की आखें, अब हुई शत्रु संपत्ति की जांच शुरू

किच्छा । प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कोतवाली अंतर्गत ग्राम दरऊ में शत्रु संपत्ति की जांच प्रारंभ कर दी है, हालांकि शत्रु…

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किच्छा । प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कोतवाली अंतर्गत ग्राम दरऊ में शत्रु संपत्ति की जांच प्रारंभ कर दी है, हालांकि शत्रु संपत्ति को कई बार बेचे जाने तथा खुर्द बुर्द किए जाने का मामला भी प्रकाश में आया है । जांच में 22.5 एकड़ शत्रु भूमि की बात सामने आई है, परंतु अभी तक प्रशासन की टीम 14 एकड़ भूमि को ही चिन्हित कर पाई है । जिन कब्जा धारकों के कब्जे में उक्त जमीन बताई जा रही है उक्त 3 कब्जे धारकों ने उक्त संपत्ति को अपना बताते हुए कार्यालय में कागजात लेकर चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल प्रशासन द्वारा शत्रु संपत्ति को चिन्हित कर सरकारी खाते में दर्ज कराने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। निकटवर्ती ग्राम दरऊ निवासी युवक द्वारा पीएमओ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते हुए ग्राम स्थित शत्रुभूमि को चिन्हित करने की मांग की थी । पीएमओ में की गई शिकायत के बाद देहरादून सचिवालय ने जिला प्रशासन को भूमि चिन्हित कर कार्यवाही के निर्देश दिए । शिकायत के बाद हरकत में आए प्रशासन ने शत्रु भूमि की खोजबीन शुरू कर दी । आजादी के 73 वर्षों बाद भी प्रशासन शत्रु संपत्ति को चिन्हित नहीं कर पाया , जिससे प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिल रही है । जानकारी के अनुसार आजादी के बाद ग्राम निवासी एक परिवार पाकिस्तान चला गया था , ग्राम स्थित उसकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था । परिवार के पाकिस्तान जाने के साथ ही गांव के दबंग लोगों ने उक्त भूमि को खुर्द बुर्द करने की पूरी योजना बना ली थी । प्रशासन की उदासीनता के चलते शत्रु भूमि को खुर्द बुर्द कर बेच दिया गया । निर्देश के बाद हरकत में आए प्रशासन ने दस्तावेजों के आधार पर 22.5 एकड़ भूमि शत्रु भूमि होने की बात कही तथा काफी खोजबीन करने के बाद प्रशासन की टीम मात्र 14 एकड़ भूमि को ही चिन्हित कर पाई । चिन्हित की गई भूमि को सरकार के खाते में दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। हालांकि ग्राम निवासी जिन तीन रसूखदार लोगों के कब्जे में 14 एकड़ भूमि बताई जा रही है , वे लोग उक्त भूमि पर अपना मालिकाना हक होने का दावा करते हुए दस्तावेजों को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं । शत्रु संपत्ति पर काबिज लोगों द्वारा सरकारी कामकाज में भी अवरोध पैदा करने का काम किया जा रहा है । प्रशासन द्वारा जांच के दौरान जब शत्रु भूमि पर काबिज लोगों की वीडियोग्राफी करने का प्रयास किया गया तो कब्जे दार लोगों ने विरोध करते हुए वीडियोग्राफी नहीं करने दी । फिलहाल पूरा मामला स्थानीय प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है और प्रशासन द्वारा पुराने दस्तावेजों को खंगालते हुए शत्रु भूमि को चिन्हित करने की लगातार कार्यवाही की जा रही है।

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