नई दिल्ली। भारत को दो-दो वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज 39 साल के महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने शनिवार को 16 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर को विराम दिया। उनके सन्यास लेने के कुछ ही देर बाद सुरेश रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर दी है।
धोनी ने दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे खेलकर इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण किया था। हालांकि एमएस धोनी आईपीएल खेलते रहेंगे। ऐसे में उनके प्रशंसकों को कुछ राहत तो मिली ही होगी। महेंद्र सिंह धोनी टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। धोनी ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में खेला था। इसके अलावा धोनी ने अपना आखिरी टी-20 इंटरनेशनल मैच फरवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में खेला था, जबकि वर्ल्ड कप सेमीफाइनल (9-10 जुलाई 2019) उनका आखिरी वनडे इंटरनेशनल रहा। 7 जुलाई 1981 को जन्मे महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी में उनकी बढ़ती उम्र का असर दिखने लगा था। धोनी को लगातार अपनी धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था. वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया वेस्टइंडीज दौरे पर गई, लेकिन धोनी ने इस दौरान टेरिटोरियल आर्मी यूनिट के साथ कश्मीर में 15 दिन बिताए। वह 31 जुलाई से 15 अगस्त तक कश्मीर में तैनात थे।
वर्ल्ड कप-2019 में महेंद्र सिंह धोनी की सुस्त बल्लेबाजी आलोचकों के निशाने पर रही। धोनी ने वर्ल्ड कप 2019 में खेले 9 मैचों की 8 पारियों में 45.50 की औसत से 273 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल रहे. इस दौरान धोनी को अपनी धीमी बल्लेबाजी के लिए भी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
धोनी वर्ल्ड क्रिकेट में इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीन बड़ी ट्रॉफी जीती है। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुकी है। इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर-1 बना था।