लालकुआं न्यूज : डीजल-पैट्रोल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ ‘माले’ ने फूंका मोदी का पुतला

लालकुँआ। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ भाकपा (माले) द्वारा कार रोड चौराहा, बिन्दुखत्ता में विरोध प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का…


लालकुँआ। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ भाकपा (माले) द्वारा कार रोड चौराहा, बिन्दुखत्ता में विरोध प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए किया गया।
इस अवसर पर भाकपा (माले) जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 2014 मई की कीमतों से एक तिहाई कम हुई हैं। पर मोदी सरकार के आने के बाद पैट्रोल डीजल की कुल कीमतों में 69 प्रतिशत तक टैक्स और सेस लगा है। अभी वसूली जा रही कीमतों में लगभग 58 रुपया सरकारी टैक्स और विभिन्न सेस हैं। इसके साथ ही कंपनियों द्वारा रोजाना की जा रही मनमानी बढ़ोतरी पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं है। यह मोदी सरकार द्वारा जनता की जेब में खुला डाका डाला जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि, “मोदी सरकार ने एक देश एक टैक्स के नाम पर लाए गए जीएसटी के दायरे से इसी लिए पैट्रोलियम पदार्थों और शराब को बाहर रखा था, ताकि सरकार सबसे ज्यादा बिकने वाले पैट्रोलियम पदार्थों और शराब से मनमाना टैक्स वसूल सके। अगर अभी पैट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए और कोई अन्य सेस न लगाया जाए तो आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की गिरी कीमतों के हिसाब से देश में पेट्रोल की कीमत 25 रुपए प्रति लीटर के आसपास होंगी। लेकिन मोदी सरकार तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ाने और अपनी जेब भरने के लिए आपदा को अवसर में तब्दील करने के अपने जुमले पर पूरी ताकत के साथ अमल कर रही है।”
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “डीजल के दामों में अनाप शनाप वृद्धि का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। पहले से घाटे में चल खेती किसानी पर धान रोपाई के सीजन में डीजल की कीमतों में वृद्धि करके मोदी सरकार ने किसानों को दोहरा झटका दिया है। यह आश्चर्यजनक है कि पहली बार डीजल की कीमतें पेट्रोल से ज्यादा हो गई हैं, यह आम जनता के लिए पहले ही बढ़ रही महंगाई को और तेजी से बढ़ाएगा। इसलिए मोदी सरकार तत्काल डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर लगाम लगाए।”
पुतला दहन व विरोध कार्यक्रम में शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए कामरेड बहादुर सिंह जंगी, डॉ कैलाश पाण्डेय, ललित मटियाली, विमला रौथाण, गोविंद जीना, बिशन दत्त जोशी, पुष्कर दुबड़िया, नैन सिंह कोरंगा, राजेंद्र शाह, गोपाल सिंह, कमल जोशी, जगदीश प्रसाद, निर्मला शाही, किशन सिंह, केदार सिंह समेत विभिन्न लोग मौजूद रहे।

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