सावधान अल्मोड़ा : फलसीमा में कैद हुआ मुखिया नर गुलदार, लेकिन अब मादाओं के खूंखार होने का अंदेशा ! इंसानी आबादी में खतरे की घंटी…….

अल्मोड़ा। यहां बीते कई दिनों से फलसीमा, सिकुड़ा बैंड व आस—पास के इलाकों में दिखाई दे रहा गुलदार आंखिरकार वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजड़े…


अल्मोड़ा। यहां बीते कई दिनों से फलसीमा, सिकुड़ा बैंड व आस—पास के इलाकों में दिखाई दे रहा गुलदार आंखिरकार वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजड़े में कैद हो गया है। बावजूद इसके, यह राहत देने वाली नही, बल्कि चिंता में डालने वाली खबर है क्योंकि परिवार का मुखिया कैद हो चुका है और इस गुलदार की मादाएं व परिवार खुला घूम रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि गुलदार परिवार में मुखिया कैद हो जाए तो उसकी मादाएं व ​परिवार बहुत आक्रमक हो जाता है। अब पूरे शहर को गुलदारों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।
​प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते लंबे समय से नगर के विभिन्न शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार की आवाजाही दिखाई देने के बाद से आम जनता में वन विभाग के खिलाफ काफी नाराजगी बढ़ गई थी। गुलदारों के खुलेआम घूमने के कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे, इसके बाद दहशत और बढ़ गई। आम जनता के लगातार दबाव के बाद वन विभाग ने फलसीमा, गोलनाकरड़िया, सोनकोटुली आदि कई इलाकों में पिंजड़े लगा दिए थे। आज सुबह लगभग 5 बजे ग्रामीणों ने फलसीमा में एक विशाल गुलदार को पिंजड़े में कैद देखा। जिसके बाद तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा, विभाग के खजान मेहता, वन दरोगा हरीश बिष्ट, हरेंद्र सतवाल आदि मौके पर पहुंचे और लगभग आधे घंटे में गुलदार को एनटीडी स्थित रेस्क्यू सेंटर ले लाये।

गुलदार की मादाओं को जल्द पकड़ना प्राथमिकता, आक्रमक होने का खतरा : संचिता वर्मा
अल्मोड़ा। वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा ने बताया कि गुलदार की उम्र लगभग 9 साल है और यह पूर्णत: विकसित नर है। इसके दांत, हाथों के पंजे आदि पूरी तरह ठीक है। जिससे सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह नर गुलदार अपने परिवार के साथ फलसीमा के निकट ही रह रहा था। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मुद्दा तो यह है कि इस गुलदार से यह गलती हो गई कि उसने मानवीय आबादी के नजदीक अपना परिवार बढ़ाना शुरू कर दिया। जिस कारण भय का वातावरण बना और जनता के भारी दबाव के चलते वन विभाग को इसे पकड़ने पड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आम तौर पर इस तरह के पूर्णत: स्वस्थ गुलदार के साथ एक से अधिक मादाएं व बच्चे हो सकते हैं। अतएव बहुत सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि अब गुलदार की मादाएं उसे न पाकर आक्रमक हो जायेंगी। उन्होंने बताया कि अब वन विभाग यह प्रयास कर रहा है कि इसके परिवार की मादाएं भी पकड़ में आ जायें फिर इनको मानवीय आबादी से कहीं दूर छोड़ दिया जाये।

संबंधित खबर —

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *