हल्द्वानी। मण्डलायुक्त अरविन्द्र सिंह हृयांकी ने इंदिरा नगर नाले से दूषित जल निकासी हेतु नगर आयुक्त मुख्य अभियन्ता सिंचाई व पेयजल निगम के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण कर तीन सप्ताह मे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि इंदिरा नगर नाले की निकासी रेलवे लाईन व हाईवे के नीचे स्कवर बनाकर निकासी कर एसटीपी तक ले जाया जायेगा, इसके लिए सम्बन्धित अधिकारी सभी बिन्दुओं पर विचार कर स्थानीय निरीक्षण कर डीपीआर बनायें।
यह निर्देश मण्डलायुक्त ने हल्द्वानी कैम्प कार्यालय मे बैठक लेते हुए दिए। उन्होंने कहा कि जब अधिकारी इंदिरा नगर नाले को एसटीपी में छोड़ने का पूरा प्लान बनाकर प्रस्तुत करेंगे तथा रेलवे लाइन के नीचे से ले जाने हेतु रेलवे अधिकारियों से तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल्वर्ट (स्कवर) बनाकर नाला पास कराने हेतु रेलवे व राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से वार्ता कर एनओसी प्राप्त करते हुए डीपीआर प्रस्तुत करेंगे। इसके उपरान्त इस परियोजना प्रस्ताव को स्वीकृति हेतु शासन को भेजा जायेगा। उन्होने मुख्य अभियन्ता पेयजल निगम को निर्देश दिये कि वे गौलापार मे बनाये जा रहे एसटीपी की क्षमता का भी आंकलन कर लें ताकि इंदिरा नगर के दूषित जल को एसटीपी मे डाला जा सके।
जिस पर मुख्य अभियन्ता पेयजल निगम ने बताया कि एसटीपी घरेलु सीवरेज के लिए डिजाइन है मगर वर्षाकाल मे इन्दिरा नगर नाले मे अत्यधिक पानी आता है इसलिए वर्षाकाल में एसटीपी मे पानी जाने से पूर्व गेट-वे बनाकर पानी को डाइवर्ट किया जायेगा, बांकी समय में एसटीपी में नाले को डाला जा सकता है। बैठक में विधायक लालकुआं नवीन दुम्का ने कहा कि इंदिरा नगर नाले का गन्दा पानी बरेली रोड मे डाल दिया गया है। जिससे गंदा पानी सड़क पर फैल जाता है तथा क्षेत्र में गंदगी फैल जाती है। जिससे क्षेत्रवासियों को आये दिन गंदगी से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि डीपीआर में नाला निर्माण में जिन विभागों की परिसम्पत्ति आती है। उन्हें हटाने अथवा विस्थापन के साथ ही 5 वर्षों तक नाले का आपरेशन एवं मेंटीनेंस धनराशि भी रखी जाए। उन्होने रकसिया नाले की सफाई तथा अन्तिम छोर का विस्तार करने पर भी बल दिया ताकि रकसिया नाले का पानी गांव मे ना फैलकर जंगल मे छोडा जा सके। इस हेतु उन्होने अधीक्षण अभियन्ता सिचाई को सर्वे कराने के निर्देश दिये।
बैठक में अपर आयुक्त संजय खेतवाल,नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया,मुख्य अभियन्ता सिंचाई एमसी पाण्डे, पेयजल एसके पंत,अधीक्षण अभियन्ता सिचाई संजय शुक्ला, पेयजल निगम ओपी सिह, जलसंस्थान विशाल सक्सेना, अधिशासी अभियन्ता सिचाई तरूण बंसल,अरविन्द कटारिया आदि मौजूद थे।