मोदी की कैबिनेट/ खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मंजूरी…

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। सरकार का कहना है कि किसानों को एमएसपी के जरिए उनके लागत मूल्य से 50-83% ज्यादा मूल्य मिलेगा। धान का एमएसपी 53 रुपए बढ़ाकर 1,868 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके अलावा एमएसएमई (छोटे) उद्योगों से जुड़ी योजनाओं को भी मंजूरी दी गई।
अब 250 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले बिजनेस मीडियम एंटरप्राइजेज कहलाएंगे। पिछले महीने घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज में एमएसएमई की परिभाषा बदलने का ऐलान किया गया था। कैबिनेट ने इसे भी मंजूरी दे दी है।

पढिये किस फसल को कितना समर्थन मूल्य
फसल 2019-20 में एमएसपी 2020-21 में एसएसपी
सामान्य धान 1,815 1,868
ए-ग्रेड धान 1,835 1,888
ज्वार 2,570 2,620
बाजरा 2,000 2,150
कपास 5,255 5,515
कपास (लंबा रेशा) 5,550 5,825

किसानों को समय पर कर्ज चुकाने में सब्सिडी की स्कीम 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। छोटे-मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड्स मंजूर किया गया है।
आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के इससे पहले की हमारी खबर20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की स्कीम मंजूर की गई है।
एमएसएमई की परिभाषा बदलने की मंजूरी, अब 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले बिजनेस मीडियम एंटरप्राइजेज कहलाएंगे।
31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म हो गया। आज से अनलॉक-1 शुरू हो गया है। लिहाजा सरकार अब अर्थव्यवस्था में तेजी लाना चाहती है। अब एक से दूसरे जिले या राज्य में जाने के लिए ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी। अब रात 9 से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। पहले शाम 7 से सुबह 7 बजे तक पाबंदी थी।

इससे पहले की हमारी खबर

ब्रेकिंग न्यूज : अनलॉक-1 के पहले ही दिन मोदी कैबिनेट की बैठक में एमएसएमई और किसानों के लिए कई निर्णय

नई दिल्ली। अनलॉक 1 के पहले दिन सोमवार को मोदी कैबिनेट की अहम बैठक सरकार की ओर से कई अहम फैसले लिए गए।
सरकार के दूसरे कार्यकाल की यह पहली कैबिनेट बैठक थी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि बैठक में किसानों, एमएसएमई को लेकर कई फैसले लिए गए। जावडेकर ने कहा, मजबूत और महत्वपूर्ण भारत के निर्माण में एमएसएमई की बड़ी भूमिका है। कोविड को देखते हुए इस सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की गई है। बैठक में जावडेकर ने कहा कि एमएसएमई की सीमा 25 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ की गई है। भारत सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित किया है।
प्रकाश जावडेकर ने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा तो बदली ही गई है, अब इसकी परिभाषा का दायरा भी बढ़ाया गया है। एमएसएमई में ये संशोधन 14 साल बाद हुए हैं। 20 हजार करोड़ रुपये के अधीनस्थ कर्ज के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसी के साथ 50 हजार करोड़ के इक्विटी निवेश को भी मंजूरी दी गई है।
एमएसएमई के कारोबार की सीमा 5 करोड़ रुपये की गई है। आज की बैठक में जो फैसले लिए गए हैं उससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में 6 करोड़ से ज्यादा एमएसएमई की अहम भूमिका है। लोग अपना कामकाज ठीक से कर सकें, इसके लिए सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं। एमएसएमई को लोने देने की व्यवस्था की गई है। एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये लोन देने का प्रावधान है। सैलून, पान की दुकान और मोची को भी इस योजना से लाभ होगा। सरकार व्यवसाय को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है। एमएसएमई को लोन देने के लिए 3 लाख करोड़ की योजना है। रेहड़ी पटरी वालों के लिए लोन की योजना लाई गई है। रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार का लोन मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *